कोरोना वायरस के लिये पश्चिम बंगाल ने नई गाइडलाइंस जारी की है. ये गाइडलाइंस पश्चिम बंगाल के स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना से ठीक हो चुके मरीजों के लिये जारी की हैं. दरअसल, स्वास्थ्य विभाग ने अपनी रिसर्च में ये पाया है कि कोरोना वायरस के ठीक हो चुके मरीज किसी और बिमारी से ग्रस्त हो रहे हैं.
रिसर्च में ये पाया गया है कि जिन मरीजों को कोरोना हुआ. वो उससे ठीक होने के बाद करीब कुछ हफ्तों या महीनों में किसी और बिमारी से ग्रस्त हो जाते हैं और उनकी मौत हो जाती है.
आपको बता दें कि ऐसा देखा जा रहा है कि जो लोग कोरोना से संक्रमित होने के बाद ठीक हो चुके हैं उनमें कुछ हफ्तों या महीने में दिमागी स्ट्रोक या हार्ट अटैक हो रहा है. इसके अलावा दिमाग से संबंधित बिमारियां भी लोगों को होने लगती हैं. कई लोगों के फेफड़ों पर भी असर पड़ता है को वो कमजोर हो जाते हैं, जिससे की परेशानी हो रही है. साथ ही कोरोना के बाद कुछ लोगों को डायबिटिस की शिकायत भी शुरु हो गई है.
पश्चिम बंगाल स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी गाइडलाइंस के मुताबिक, कोरोना से ठीक होने के बाद मरीद को दो से तीन हफ्ते में डॉक्टर को जरूर दिखाना चाहिये. कोरोना के एक बार संक्रमित होने के बाद ठीक होने के बाद लापरवाही नहीं बरतनी चाहिये और करीब एक साल तक डॉक्टर के रेगुलर चेकअप करवाते रहना चाहिये.
डॉक्टर्स की राय-
डॉक्टर्स का कहना है कि कोरोना से ठीक होने के बाद भी चेकअप जरूर करवाए ताकि अगर कोई और बिमारी उभरे तो उसे वक्त रहते भांपा जा सके. जो लोग कोरोना से संक्रमित होने से पहले भी मधुमय या किसी और बिमारी से ग्रस्त थे उन्हें और ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत है. एक साल तक हर महीने अस्पताल जाएं और चेकअप जरूर करवाएं.
पश्चिम बंगाल स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी गाइडलाइंस
-लक्षण दिखने के बाद 7 दिन के अंदर डॉक्टर के मिलना जरूरी
-लक्षण दिखने के बाद 17 दिनों तक होम क्वारंटीन
-कोरोना के ठीक होने के बाद रेगुलर चेकअप
-ब्लड प्रेशर, शुगर, ईसीजी, डी-डाइमर और चेस्ट एक्स-रे करवाएं