बादाम एक ऐसा मेवा है जो एक साल से कम उम्र के बच्चों को खिलाया जाता है। बिना दांत के बच्चों को बादाम खिलाने पर आप भी सोच में पड़ गए होंगे कि आखिर बच्चा कैसे बादाम को खाएगा और कैसे उसके सारे गुण बच्चों को मिल पाएंगे।
आपकी जानकारी के लिए बता दें की रात को भिगोए हुए बादाम को सुबह घिसकर लिक्विड में बदलकर बच्चों को आहार के तौर पर दिया जाता है। ताकि बच्चे को इसके सभी गुण मिल सकें और वो हेल्दी रहे।
अधिकतर ड्राइ फ्रूट की तासीर गर्म होती है। बादाम भी बेहद गर्म तासीर वाला ड्राई फ्रूट है। यही वजह है कि रात को भिगोकर सुबह इसे खाने की सलाह दी जाती है जिससे तासीर का संतुलन बना रहे। इसके अलावा भी अन्य कई कारण हैं जो स्वास्थ्य से संबंधित हैं, जिनकी वजह से बादाम को रातभर पानी में भिगोकर और सुबह छीलकर खाने का सुझाव हेल्थ एक्सपर्ट्स देते हैं।
इसलिए भी भिगोकर खाना चाहिए बादाम
- बादाम की सबसे ऊपरी सतह यानि की उसके छिलके में टेनिन नाम का एक पदार्थ पाया जाता है, जिससे बादाम को पचाने में दिक्कत होती है।
- टेनिन के कारण बादाम के सभी गुण शरीर को नहीं मिल पाते क्योंकि यह बादाम द्वारा एंजाइम्स को रिलीज करने में बाधा करता है।
- भिगोये हुए बादाम का छिलका आसानी से उतर जाता है। और इसके पोषक तत्व भी मिल जाते हैं।
- छिले हुए बादाम खाने से शरीर में जमा फैट को कम करने में भी मदद मिलती है। क्योंकि छिला हुआ बादाम लाइपेस नामक एंजाइम को रिलीज करता है, जो शरीर में बसा को जमने से रोकता है।
- इससे रिलीज होने वाले एंजाइम्स और कार्ब्स पेट को लंबे समय तक फुल रखते हैं। ऐसे में आप एक्स्ट्रा कैलोरी खाने से बच जाते हैं और धीरे-धीरे वेट कंट्रोल से वेटलॉस की तरफ बढ़ने लगते हैं।