दुनिया भर में कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच एक हैरान करने वाली रिसर्च सामने आई है। नेचर मेडिसिन जर्नल में प्रकाशित हुई इस रिसर्च में वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि प्रेग्नेंसी के वक्त कोरोना से गंभीर समस्याएं होने का खतरा बढ़ जाता है।
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अगर प्रेग्नेंट महिला ने संक्रमण से बचने के लिए वैक्सीन नहीं ली, तो यह उसके बच्चे के लिए जानलेवा भी साबित हो सकता है।
प्रेग्नेंट महिलाओं को सावधानी बरतना जरूरी
ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी ऑफ एडिनबरा के वैज्ञानिकों का कहना है कि डिलीवरी डेट के 28 दिन पहले से प्रेग्नेंट महिलाओं को सावधानी बरतना बेहद जरूरी है। उन्होंने अपनी रिसर्च में पाया है कि मां को कोरोना होने पर बच्चा डिलीवरी डेट के पहले ही पैदा हो सकता है। इसके अलावा, संक्रमण से बच्चे की गर्भ में ही मृत्यु हो सकती है। कुछ मामलों में जन्म के बाद नवजात बच्चों की मौत भी हुई है। वैज्ञानिकों का कहना है कि जो महिलाएं प्रेग्नेंसी के समय वैक्सीन नहीं लगवाती हैं, उनमें ये परेशानियां सामान्य रूप से देखी जा रही हैं।
समस्याओं से बचना है तो वैक्सीन जरूरी
उत्तरी आयरलैंड के चीफ मेडिकल ऑफिसर माइकल मैकब्राइड कहते हैं कि प्रेग्नेंसी के आखिरी हफ्तों में कोरोना संक्रमण होने से मां और बच्चे दोनों की ही जान को खतरा हो सकता है। वे कहते हैं कि कोरोना वैक्सीन प्रेग्नेंट महिला और उसके बच्चे को गंभीर समस्याओं से बचाने में कारगर है। मैकब्राइड के अनुसार जो प्रेग्नेंट महिलाएं वैक्सीन से डर रही हैं, वे जल्द से जल्द वैक्सीन की दोनों खुराक पूरी करें। जिनके दो डोज पूरे हो चुके हैं, वे बूस्टर शॉट से न घबराएं। ये सलाह उन महिलाओं के लिए भी है जो प्रेग्नेंसी प्लान कर रही हैं।
प्रेग्नेंसी के समय कभी भी हो सकता है वैक्सीनेशन
रॉयल कॉलेज ऑफ ऑबस्टेट्रीशियन एंड गाइनोकोलोजिस्ट्स की डॉ कैरोलिन बेली बताती हैं कि प्रेग्नेंसी के किसी भी स्टेज में वैक्सीन लगवाई जा सकती है। वे कहती हैं, “कृपया अपने बच्चे का जन्म होने तक प्रतीक्षा न करें, यह जरूरी है कि आप और आपका बच्चा प्रेग्नेंसी के दौरान सुरक्षित रहें।
मौजूदा वैक्सीन्स प्रेग्नेंसी में पूरी तरह सुरक्षित
रॉयल कॉलेज ऑफ मिडवाइव्स की कैरेन मुरे के मुताबिक, कोरोना के खिलाफ मौजूदा वैक्सीन्स प्रेग्नेंट महिलाओं और उनके बच्चे के लिए पूरी तरह सुरक्षित हैं। ये वायरस से डट कर मुकाबला करती हैं।
एक्सर्पट कहते हैं कि आंकड़ों पर नजर डालें, तो कोरोना से हॉस्पिटलाइज हुईं अधिकतर प्रेग्नेंट महिलाएं अनवैक्सीनेटेड ही पाई जाती हैं। इससे उन पर क्या असर पड़ता है, ये प्रेग्नेंसी के आखिरी हफ्तों में पता चल ही जाता है।