हमारे देश में चाय और कॉफी के बिना लोगों के दिन की शुरुआत नहीं होता, एक कप कॉफी या चाय का ना हो तो दिन नहीं बनता। कई बार हमने देखा है कि लोग अपने स्ट्रेस को कम करने के लिये दिन में ना जाने कितने कम कॉफी का पी लेते हैं।
लेकिन वो नहीं जानते कि इसके कई सारे घातक परिणाम हो सकते हैं। क्योंकि कॉफी पीने से हमैं कई तरह की परेशानी हो सकती हैं। यदि आपका मेटाबोलाइज़र स्लो है तो आपको काफी नहीं पीनी चाहिए। साथ ही अगर आपको भी कॉफी पीने के बाद नींद नगीं आती तो कॉफी को आज से ही कह दें ना।
क्योंकि कॉफी का एक कप से ज्यादा पीना आपको दे सकता है कई सारी परेशानियां। ब्लैक कॉफी को बेहतरीन प्री-वर्कआउट ड्रिंक माना जाता है। साथ ही इसके कई सारे फायदे भी हैं।
हड्डियों को कर सकती है कमजोर
बता दें कि कॉफी आपकी हड्डियों को वीक बना सकती है, जी हां शायद ये सुनकर आपको हैरानी हो लेकिन ये सच है कॉफी का अधिक सेवन आपकी हड्डियों को कमजोर कर सकता है। साथ ही ऑस्टियोपेरोसिस होने के चांस बढ़ सकते हैं। ज्यादा मात्रा में अगर आप कैफीन का सेवन करते हैं तो ये आपकी हड्डियों को पतला बना सकता है।
सुबह खाली पेट कॉफी नहीं पीनी चाहिये कॉफी
इसके अलावा कभी भी सुबह खाली पेट कॉफी नहीं पीनी चाहिये, क्योंकि शरीर में मौजूद कॉर्टीसोल हार्मोन की मात्रा बढ़ जाती है और इससे आपकी इम्यूनिटी पॉवर कम हो सकती है। साथ ही शरीर में स्ट्रेस लेवल भी बढ़ा सकता है।
देर शाम भी कॉफी पीने से बचना चाहिए
इसके अलावा देर शाम भी कॉफी पीने से बचना चाहिए, ऐसा करने से आपको भूख नहीं लगती,
हाई बीपी के मरीज
अगर आप हाई बीपी के मरीज हैं तो आपको कॉफी नहीं पीनी चाहिए,क्योंकि कॉफी रक्तचाप के स्तर को बढ़ाने का काम करती है, ऐसे में इसके कई नुकसान हो सकते हैं। आपका बीपी बढ़ सकता है।
डायबिटीज के मरीजों को भी कॉफी पीने से बचना चाहिए
इतना ही नहीं डायबिटीज के मरीजों को भी कॉफी पीने से बचना चाहिए । क्योंकि कॉफी का अधिक सेवन हाई बीपी का परेशानी दे सकता है।
डिप्रेशन- अगर आप स्ट्रेस की परेशानी से जूझ रहे हैं तो आपको कॉफी को ना कह देना चाहिये, जानकारों की मानें तो ज्यादा कॉफी पीने से शरीर में कार्टिसोल हार्मोन बिगड़ जाता है और ये आपके तनाव को और भी ज्यादा बढ़ा सकता है।
प्रेगनेंट महिलायें– अगर आप प्रेगनेंट हैं तो भी आपको कॉफी का सेवन करने से बचना चाहिए, कैफीन आपके शरीर में ब्लड सर्कुलेशन को प्रभावित करता है जिसकी वजह भ्रूण तक ब्लड सही तरीके से नहीं पहुंच पाता, और इसकी वजह से बच्चे का विकास रुक जाता है।