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वैक्सीन की कमी पर बोले स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह, दो-तीन दिन रही वैक्सीन की कमी

untitled 3 1 वैक्सीन की कमी पर बोले स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह, दो-तीन दिन रही वैक्सीन की कमी

लखनऊ:उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी होने के बाद स्वास्थ्य विभाग कोरोना के प्रकोप से लोगों को बचाने के हर संभव प्रयास कर रहा है। इसी कड़ी में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या जब तेजी से बड़ी तो लोग भी कोरोना वैक्सीन को लेकर के जागरूक हुए।

इसके बाद बड़ी संख्या में लोग वैक्सीनेशन के लिए अपना रजिस्ट्रेशन कराने लगे लेकिन बीच में वैक्सीनेशन की कमी होने की वजह से कई लोगों को वापस लौटाया गया। जिसके बाद आज जैकसन की कमी होने की बात पर स्वास्थ्य मंत्री ने हामी भरी और संपूर्ण स्थिति से अवगत कराया।

2-3 दिन की शॉर्टेज हुई थी, जिसको मैनेज कर लिया है- स्वास्थ्य मंत्री

उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस इन लोगों को उपलब्ध कराने का काम बड़े स्तर पर चल रहा है। इस कड़ी में केंद्र सरकार की दी गई। तमाम गाइडलाइंस का पालन भी प्रदेश भर में किया जा रहा है और उसी के तहत लोगों को वैक्सीन उपलब्ध कराई जा रही है। लेकिन इसी बीच कोरोना वैक्सीन कमी होने की बात सामने कई जिलों से आ रही थी।

इसी पर आज स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए बताया कि 2 से 3 दिन तक प्रदेश भर में वैक्सीन की शॉर्टेज रही इसको मैनेज कर लिया गया और अब 11 से 14 अप्रैल तक की टीकाकरण किया जाएगा। इसको लेकर के तमाम तरीके तैयारियां चल रही है और टीकाकरण को देखते हुए आज या कल में हमारे पास और भी स्टॉक आ जाएगा जिसके बाद स्थितियां सामान्य हो जाएंगे।

वैक्सीनेशन सेंटर से लौट रहे थे लोग

एग्री लखनऊ के ही कई वैक्सीनेशन सेंटर ऊपर लोगों की भी अत्यधिक को जाने के बाद कई ऐसी जगहों से खबरें आ रही थी कि लोगों को बिना वैक्सिंग के ही वापस लौटना पड़ रहा था।

केस 1-

इसी कड़ी में राजाजीपुरम के सी ब्लॉक के रहने वाले अब्दुल हमीद बताते हैं कि उन्होंने बीती 3 अप्रैल को अपना रजिस्ट्रेशन कराया था। जिसमें उन्हें 5 अप्रैल को वैक्सीन लगाने की डेट मिली थी और स्थान रानी लक्ष्मीबाई दिया गया था लेकिन जब रानी लक्ष्मीबाई अस्पताल पहुंचे तो उन्हें वैक्सीन ना होने की बात कहकर वापस लौटा दिया गया।

केस 2-

आलमबाग के राम यादव बताते हैं कि कोरोना वैक्सीन को ले करके उन्होंने अपनी माता रामप्यारी यादव का रजिस्ट्रेशन मार्च में कराया था। जिसमें वैक्सीन लगने की तिथि 5 अप्रैल दी गई थी। लेकिन जब भी केजीएमयू अस्पताल में वैक्सीन लगवाने के लिए पहुंचे तो उनकी माता रामप्यारी और राम यादव को बिना वैक्सीन लगवाए ही वापस आना पड़ा।

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