मानसून के मौसम में फूड पॉइजनिंग के मामले अक्सर बढ़ जाते हैं। अनियमित दिनचर्या और संक्रमित खानपान इस खतरे को और बढ़ा देते हैं। खासतौर पर पीने के पानी और मांसाहारी चीजों के सेवन से सावधानी बरतना जरूरी है।
डॉक्टर की सलाह जरूरी
खानपान के जरिए विषैले तत्वों का शरीर में अंदर जाना हमें बीमार कर सकता है। इसके कारण वॉमिटिंग, सिर दर्द, चक्कर आना आदि की समस्याएं होने लगती हैं। सामान्य मामलों में फूड पॉइजनिंग में घरेलू उपाय से ही दो-तीन दिन में आराम मिल जाता है। लेकिन गंभीर मामलों में डॉक्टर की सलाह पर दवाओं का सेवन जरूरी है।
बैक्टीरिया-वायरस से फूड पॉइजनिंग
बैक्टीरिया और वायरस फूड पॉइजनिंग का मुख्य वजह है। खास तौर पर कच्ची सब्जियां, डेरी प्रोडक्ट, मांस, समुद्री खाद्य पदार्थ और अंकुरित अनाज को खाते समय सावधानी बरतना बेहद जरूरी है।
फूड पॉइजनिंग के कई कारण
फूड पॉइजनिंग के कई कारण हो सकते हैं, डॉक्टरों के अनुसार फूड पॉइजनिंग की समस्या बैक्टीरिया या वायरस किसी भी संक्रमण से हो सकती है। मांसाहारी में इसके मामले ज्यादा देखे जाते हैं। प्रदूषित पानी पीना, आधी पकी मांसाहारी चीजें खाना और देर तक खुले में रखी हुई चीज संक्रमण की आशंका को बढ़ा देती हैं।
गंदे बर्तनों का ना करें उपयोग
खाद्य पदार्थों को सही तापमान पर स्टोर नहीं किए जाने से भी बैक्टीरिया पनपने लगता है। गंदे बर्तनों में भोजन बनाने या खाने से भी संक्रमण की आशंका बढ़ती है। खासकर बाजार में बिकने वाली चीज, देर तक खुले में रखे कटे हुए फल और दूसरी चीजों को खाने से बचना चाहिए। वहीं पकाई हुई चीजों को फ्रिज से निकालने के बाद ढंग से गर्म किए बिना खाना भी पेट को नुकसान पहुंचाता है।
बासी खाने से बचें
इस मौसम में जहां तक हो सके बासी खाने से बचें। अगर आपका खाया हुआ खाना लंबे समय तक नहीं पच रहा है, उल्टियां हो रही हैं तो यह संक्रमण के कारण हो सकते हैं। कभी-कभी दस्त के साथ हल्का खून भी आता है। बुजुर्ग, कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों को इसकी अनदेखी नहीं करनी चाहिए।
समय-समय पर सफाई जरूरी
फलों और सब्जियों को अच्छी तरह धोकर खाएं। खाना बनाने वाली जगह बर्तन और चाकू आदि को साफ सुथरा रखें। सब्जियां, मांस और मछली को काटने से पहले ही नहीं बाद में भी साफ करें। फ्रिज को भी समय-समय पर अंदर से साफ करना जरूरी है। हो सके तो सी फूड के सेवन से बचें।
कुछ भी गलत खाने से बचें
फ़ूड पॉइजनिंग होने पर पेट को आराम देना बहुत जरूरी है। ऐसे में कुछ भी गलत खाने से बचें। शरीर से टॉक्सिन बाहर निकालने के लिए अधिक मात्रा में पानी पीए। हो सके तो गुनगुना पानी पिएं।
दही और छाछ का सेवन करें
डॉक्टरों के अनुसार दही और छाछ का सेवन ज्यादा करना चाहिए। तला-भुना और भारी भोजन बिल्कुल ना करें। ठोस आहार की जगह फल और तरल सब्जियां ज्यादा मात्रा में खाएं। दवाओं का सेवन डॉक्टर से परामर्श सही करें, और बिना सलाह एंटीबायोटिक दवाई ना लें। इसके अलावा ज्यादा दस्त हो तो शरीर में सोडियम पोटेशियम आदि पोषक तत्व में हो जाती है। ऐसे में नमक चीनी का पानी, नारियल पानी और सूप पीते रहें।