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शहीद जवान की पत्नी बोलीं, पाकिस्तान से बदला ले सरकार

Havildar Ashok Kumar Singh who lost his life in UriAttack शहीद जवान की पत्नी बोलीं, पाकिस्तान से बदला ले सरकार

आरा। कश्मीर में आतंकवादियों के हमले में शहीद हुए जवानों में शामिल बिहार के भोजपुर जिले के निवासी अशोक कुमार सिंह की पत्नी संगीता ने कहा कि उन्हें अपने पति और शहीद जवानों का बदला चाहिए। भारत सरकार पाकिस्तान से बदला ले। अशोक सहित अपने दो बेटों को देश के लिए न्योछावर कर चुके शहीदों के पिता जगनारायण सिंह की आंखें पथरा गई हैं, आंखों में आंसू नहीं हैं। सोमवार सुबह जब दुखद खबर मिली, तब से परिवार के सदस्यों का रो-रोकर बुरा हाल है। कोई कुछ कहने की स्थिति में नहीं है।

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दो शहीदों का यह परिवार पीरो प्रखंड के जितौरा पंचायत अंतर्गत रकटू गांव का निवासी है। पति की मौत की खबर सुनकर संगीता सदमे में हैं। उनके ही बेटे ने जब उन्हें बताया कि ‘पापा अब इस दुनिया में नहीं रहे, शहीद हो गए’ तो अचानक उनकी पूरी दुनिया ही उजड़ गई। वह बार-बार बेहोश हो रही हैं। ग्रामीण संगीता को गांव से दूर डॉक्टर के पास ले गए और उन्हें ग्लूकोज चढ़ाया गया।

अशोक बिहार रेजिमेंट में हवलदार के पद पर कार्यरत थे। 42 वर्षीय अशोक बचपन से ही देशभक्ति की भावना से लबरेज थे। सन् 1988 में 15 बिहार रेजिमेंट के बहादुर सिपाही और अपने बड़े भाई कामता सिंह की शहादत के बाद अशोक की देशभक्ति और जोर मारने लगी, और वह भी बिहार रेजिमेंट-6 में बतौर सिपाही शामिल हुए थे।

इस दौरान अपनी मेहनत और लगन के बल पर अशोक ने हवलदार का पद हासिल किया और दिन रात बतौर सैनिक देश सेवा में लगे रहे। अशोक के पिता 80 वर्षीय जगनारायण के लिए यह दूसरा बड़ा झटका है। उनके बड़े बेटे कामता सिंह भी 30 साल पहले शहीद हो गए थे। कामता सिंह छह सितंबर 1986 को राजस्थान में एक आतंकी हमले में शहीद हो गए थे। बावजूद इसके, जगनारायण ने अपने एक पोते को भी फौज में जाने के लिए प्रेरणा दी।

शहीद अशोक सिंह की पत्नी की भले ही दुनिया उजड़ गई हो, लेकिन अभी भी उनमें देशभक्ति का जज्बा कम नहीं हुआ है। संगीता रुआंसे होकर कहती हैं, “मुझे कुछ नहीं चाहिए, मेरे पति और सभी शहीद जवानों का बदला चाहिए।” संगीता ने कहा, “मेरे पति की उम्र मात्र 42 साल थी, अब मैं कैसे आगे का जीवन जीऊंगी..मैं क्या मदद मांगू सरकार से। मेरी बस एक ही इच्छा है बस..पाकिस्तानी सेना हो, आतंकी हो, पाकिस्तान का प्रधानमंत्री ही क्यों न हो ..किसी को छोड़ा न जाए।”

देश की खातिर शहीद होने वाले अशोक पर आज पीरो प्रखंड वासी ही नहीं, बल्कि पूरा देश गौरवान्वित महसूस कर रहा है। अपने चार भाइयों में अशोक तीसरे नंबर पर थे। बड़े भाई कमता सिह के दो बेटे विनोद कुमार एवं ददन कुमार भी सेना में हैं, जबकि अशोक का बड़ा बेटा विकास भी सेना में अपनी सेवा दे रहा है। रकटू गांव में करीब 100 घर हैं, जिसमें 25 घरों के लोग भारतीय सेना में हैं। शहीद अशोक सिंह के शव के आने की व्याकुलता लोगों की आंखों में महसूस की जा सकती है। पीरो का रकटू टोला गांव ही नहीं, बल्कि आसपास के कई गांव के लोग भी अपने लाल के पार्थिव शरीर के आने के इंतजार में हैं।

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