- भारत खबर || हाथरस
Hathras Gangrape Latest: हाथरस की पीड़िता के घर पहुंचे यूपी के मुख्य गृह सचिव अवनीश अवस्थी और डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी। परिजनों से मुलाकात कर रहे हैं इस वक्त और परिजनों से जान रहे हैं कि आखिर पूरी कहानी क्या है इसके पीछे का पूरा राज क्या है। इस वक्त मीडिया का जमावड़ा पीड़िता के घर पर। मीडिया को पिछले 72 घंटों के बाद गांव में जाने की इजाजत मिली है और इसके बाद हालांकि जो बीजेपी के पीछे आने वाली मीडिया कर्मी की गाड़ियां थी उनको गांव के बाहर ही रोक दिया गया है।
हाथरस कांड पर राहुल गांधी भी अपने कार्यालय से चल चुके हैं
पिछले दिनों पुलिस द्वारा रोके जाने के बाद एक बार फिर से राहुल गांधी अपने कार्यालय से हाथरस पीड़िता के गांव जाने के लिए निकल चुके हैं और गांव में जाकर पीड़ितों से मिलेंगे। इससे पहले उत्तर प्रदेश के मुख्य गृह सचिव अवनीश अवस्थी और डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी पीड़िता के परिजनों से मुलाकात कर रहे हैं और उनसे जान रहे हैं कहानी के पीछे की पूरी सच्चाई।
डीजीपी व सचिव गृह पहुंच चुके पीड़िता के घर
यूपी के मुख्य गृह सचिव अवनीश अवस्थी साथ ही डीजीपी हितेश चंद्र भी हाथरस पहुंच चुके हैं। दोनों पीड़ित परिवार से मुलाकात कर रहे हैं। पीड़िता के भाई ने बताया कि डीएम प्रवीण कुमार ने परिवार की महिलाओं को धमकाया। डीएम पर परिवार ने कई तरह के आरोप लगाए हैं। पीड़िता का बयान चैनल पर दिखाने के बाद बीजेपी नेता विनय कटियार ने फोन काट दिया। उन्होंने अपने बयान में कहा कि लड़की के साथ कोई रेप नहीं हुआ है। योगी राज में कोई गड़बड़ी नहीं हो सकती है।
हाथरस मामले में बीजेपी नेता विनय कटियार ने कहा है कि मेडिकल रिपोर्ट में रेप की पुष्टि नहीं हुई है. ये सब बेकार की बातें हैं। हाथरस में मीडिया को एक बार फिर से रोकने की कोशिश की गई है। अधिकारियों का हवाला देकर पुलिस ने मीडिया को पीड़िता के घर से बाहर जाने के लिए कहा गया है। परिवार ने मुख्य गृह सचिव और डीजीपी से अकेले में बात करने से इंकार कर दिया है।
स्मृति ईरानी ने कहा कि अधिकारियों पर कार्रवाई की भी गई है। मोदी सरकार महिला सुरक्षा के लिए काम कर रही है। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा है कि हाथरस में पीड़िता को जरूर न्याय मिलेगा। उन्होंने कहा कि SIT जांच के बाद अधिकारियों पर कार्रवाई होगी। परिवार का आरोप है कि हम पर प्रेशर बनाया गया। हमें घर से बाहर नहीं निकलने दिया. घर में सब्जी और दूध भी नहीं लाने दी। छोटे-छोटे बच्चे दूध मांगते रहे। हमें अस्थियां तक लेने जाने नहीं दिया गया।
आखिरकार जब आज पत्रकारों की आवाज रंग लाई है और 27 घंटे के बाद हाथरस की पीड़िता के गांव मीडिया को जाने की छूट मिल गई है। इस दौरान कल आपने देखा था कि किस तरह से पीड़िता के परिवार का एक बच्चा जो यह कह रहा था कि घर में पुलिस वालों ने परिजनों को बंधक बना रखा और उनके फोन को जप्त किया हुआ है। आज पत्रकारों से बात करते हुए पीड़िता की बहन ने कहा है कि डीएम ने उन्हें धमकाया है और उन्होंने यह भी कहा था कि अगर यह पीड़िता कोरोना काल में मरती तो इसे मुआवजा भी नहीं मिलता।
पीड़िता की मां ने बेटी के शव को घर लाने की गुजारिश की थी जिसे प्रशासन ने ठुकरा दिया। परिवार को अपनी बेटी की अंतिम विदाई देने की इजाजत नहीं दी गई। पीड़िता के पिता के हालात खराब है। प्रशासन ने किसी से बात करने पर बैन लगाया हुआ था और परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने परिवार वालों के साथ मारपीट की है और उन्हें पुलिस पर भरोसा कतई नहीं है।
डीएम बोले पोस्टमार्टम में चेहरा नहीं देख सकती
पीड़िता की मां ने शव को घर लाने की बात कही तो प्रशासन ने मांग ठुकरा दी इसके बाद चेहरा दिखाने के बाद की गई तो डीएम ने कहा किस का पोस्टमार्टम हुआ है आप चेहरा नहीं देख पाएंगे इसलिए बेटी के अंतिम दर्शन भी नहीं करने दिया। परिवार वालों ने मांग की है कि पुलिस को यह बताना चाहिए कि उन्होंने किसी जलाया शायद उसमें उनकी बेटी नहीं थी। इसके पीछे पुलिस की यह प्रशासन की कोई बड़ी चाल है। पुलिस को यह बताना चाहिए कि उसने किसके इशारे पर ऐसा किया।
परिवार नहीं जा रहा अस्थियां चुनने
परिजनों का आरोप है कि जिस स्थान पर उसके बेटी का दाह संस्कार पुलिस वालों ने जबरन कर दिया क्या पता वहां उसी की बेटी का दाह संस्कार किया गया यह किसी और का। इसी भ्रम में वह अस्थियों को चुनने के लिए भी नहीं जा रहे हैं।
पूरे देश में हाहाकार मचने के बाद योगी सरकार ने एसआईटी का गठन किया था इस आईटी के प्राथमिक जांच के आधार पर हाथरस के एसपी, डीएम, क्षेत्राधिकारी सहित 8 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया गया था। बरहाल हाथरस में विनीत जायसवाल को एसपी बनाया गया है।
दोनों पक्षों का होगा नारको टेस्ट
शासन की तरफ से गैंगरेप की पीड़िता के परिजनों और आरोपियों का नारको टेस्ट कराने का भी निर्देश दिया गया है और कहा गया है कि केस में किसी भी सूरत में दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा और सख्त कार्रवाई होगी।
आपको बता दें कि हाथरस जाते समय कांग्रेस के पूर्व महासचिव राहुल गांधी को पुलिस ने धक्का-मुक्की कर नीचे गिरा दिया था, इसके अलावा कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज का भी प्रयोग किया गया। यही नहीं दिल्ली के जंतर मंतर से लेकर लखनऊ के विधानसभा भवन तक समाजवादी पार्टी के अलावा अन्य राजनीतिक दलों ने बढ़-चढ़कर इस कांड का विरोध किया और अधिकारियों की लापरवाही की निंदा की।
पूरे देश में एक सुर में बलात्कारियों को फास्ट ट्रैक कोर्ट के जरिए सुनवाई कर फांसी देने की सजा की मांग की जा रही है हालांकि कुछ लोगों का मानना है कि इस कांड के पीछे आपसी रंजिश है और इस रंजीत के कारण ही इसको इतना बड़ा कांड बना दिया गया है।