हरियाणा में बुधवार को ई-टेंडरिंग का विरोध करने चंडीगढ़ जा रहे सरपंचों को पुलिस ने पंचकूला में ही रोक लिया। सरपंच पुलिस द्वारा लगाए गए बैरिकेड्स पर चढ़ गए।
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पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की तो सरपंचों ने धक्का-मुक्की कर दी। सरपंचों ने बैरिकेड तोड़ दिए। जिसके बाद प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए पुलिस ने वाटर कैनन से पानी की बौछारें मारी और जमकर लाठीचार्ज कर दिया। जिसमें कई सरपंच घायल हुए हैं। हंगामा बढ़ता देख CM मनोहर लाल खट्टर ने अपने OSD भूपेश्वर दयाल को सरपंचों से बातचीत के लिए भेजा। मगर, सरपंचों ने उनकी कोई बात सुनने से इनकार कर बैरंग लौटा दिया। अब वे वहीं चंडीगढ़-पंचकूला बॉर्डर पर धरना लगाकर बैठ गए हैं।
हरियाणा सरकार ने इस साल 2 लाख से ज्यादा के कामों के लिए ई-टेंडरिंग अनिवार्य कर दी है। इससे सरपंच सरकार के विरोध में आ गए। उनका कहना है कि पहले हमें 20 लाख तक की पावर थी। अब नए आदेश से वह एक गली-नाली तक अपने स्तर पर नहीं बनवा सकते। चुने हुए प्रतिनिधियों को अफसरों का गुलाम बनाया जा रहा है। उन्होंने विधायकों के लिए राइट टू रिकॉल की भी मांग की। उनका कहना था कि सरपंचों से पहले इसे MP-MLA पर भी लागू किया जाए। इसी के विरोध में सरपंच बुधवार को मुख्यमंत्री खट्टर के आवास के घेराव के लिए जा रहे थे। जिन्हें पुलिस ने रोक लिया। सरपंचों और पुलिस में जमकर धक्कामुक्की हुई।
पंचकूला-चंडीगढ़ बॉर्डर पर पुलिस के रोके जाने के बाद सरपंच वहीं धरने पर बैठ गए हैं। प्रदर्शनकारी सरपंचों ने कहा है कि अब यह धरना तभी उठेगा जब उनकी सभी मांगें मान ली जाएंगीं। उन्होंने ई-टेंडरिंग पर मुख्यमंत्री की हठधर्मिता को जिम्मेदार ठहराया है।