नई दिल्ली। पति की लंबी आयु के लिए हिंदू धर्म में कई व्रत किए जाते हैं उन्ही में से एक है हरितालिका तीज जो कि भाद्र शुक्ल तृतीया बुधा के चित्रा नक्षत्र के दिन होती हैं। इस बार हरितालिका तीज 12सिंतबर को पढ़ रही है। ये व्रत मुख्य रुप से अखंड सौभाग्य का वरदान पाने के लिए किया जाता है। इस दिन महिलाएं पतियों के सुख- सौभाग्य, निरोग्यता के लिए माता गौरी की पूजा करती हैं।
सुहागिनों का व्रत
हरियाली तीज, कजरी तीज और करवा चौथ की तरह यह तीज सुहागिनों का व्रत है। पति की लंबी आयु के लिए यह व्रत सभी सुहागिनें निष्ठा के साथ रखती है। ऐसी मान्यता है कि भगवान शंकर को पाने के लिए माता पार्वती ने किया था, जिसमें उन्होंने अन्न और जल तक ग्रहण नहीं किया था। इसलिए यह व्रत महिलाएं निर्जला रखती हैं। इसमें महिलाएं भगवान शिव, माता पर्वती और गणेश जी की पूजा की जाती है। कई कुंवारी कन्या भी यह व्रत करती हैं।
व्रत के नियम
यह व्रत निर्जला किया जाता है। भोजपुरी बेल्ट में इस व्रत का काफी महत्व है, जहां महिलाएं गीली, काली मिट्टी या बालू रेत से भगवान शिव, माता पार्वती और गणेश की मूर्ति बनाकर पूजा करती हैं। इस व्रत का यह नियम है कि इसे एक बार प्रारंभ करने पर हर साल पूरे नियम से किया जाता है। महिलाएं एकत्रित होकर रतजगा करती हैं और भजन कीर्तन पूरे रात तक करती रहती हैं। इस व्रत का मुख्य समय सूर्योदय के बाद से शाम के 6:46 मिनट है। इस समय तक पूजा की जा सकती है।
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