देहरादून। गंगा नदी में हो रहे अवैध खनन पर रोक लगाने के केंद्र सरकार के फैसले का स्वागत करते हुए उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि यह कदम गंगा नदी के संरक्षण के लिए उठाना जरूरी था। रावत ने कहा कि अब वह कोई भी काम केंद्र सरकार से बिना पूछे नहीं करेंगे। गंगा में हो रहे खनन पर केंद्र सरकार के फैसले का जिक्र करते हुए रावत ने कहा कि उनके फैसले को राज्य की कांग्रेस सरकार लागू करेगी।
क्या है केंद्र सरकार का फैसला
केंद्र सरकार ने गंगा नदी के किनारे 5 किलोमीटर तक की सभी क्रेशर को बंद करने का आदेश जारी किया है। गत दिनों गंगा किनारे खनन माफियाओं का कहर बढ़ने और बांधों को लेकर अनशम कर रहे स्वामी शिवानंद की अपील पर इस बात का फैसला लिया है।
आदेश नहीं मानने पर देना होगा जुर्माना
केंद्र सरकार द्वारा बुधवार को कहा गया है कि जो भी इस आदेश का उल्लंघन करेगा उसे 5 साल की सजा और एक लाख रुपए तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है। यदि वही व्यक्ति दोबारा पकड़ा जाता है तो उसे 7 रुपए जुर्माना और 5 हजार रुपए प्रतिदिन के हिसाब से जुर्माना भरना होगा। एक रिपोर्ट के मुताबिक सिर्फ हरिद्वार में बह रही गंगा की बात करें तो यहां पर लगभग 60 क्रेशर वर्तमान में चल रहे हैं। केंद्र सरकार द्वारा एक नोट जारी कर 60 क्रेशरों में से 52 को हाथों-हाथ बंद करने का आदेश सुनाया गया है।