देहरादून – हरिद्वार महाकुंभ 2021 को लेकर राज्य सरकार की ओर से 1 अप्रैल से 30 अप्रैल तक महाकुंभ को कराए जाने के एलान किया गया है। जिसको लेकर अब पुलिस विभाग ने भी अपनी तैयारी शुरू कर दी है। ऐसे में 19 फरवरी को पुलिस मुख्यालय में इंटर स्टेट बैठक होने जा रही है। जिसमें यूपी, पंजाब, हरियाणा के बड़े पुलिस अफसर पहुंचेंगे। इस बैठक में कुंभ की रूपरेखा को लेकर मंथन किया जाएगा।
कोविड 19 की गाइडलाइन्स का पालन होगा ज़रूरी –
1 अप्रैल 2021 से कुंभ मेले की शुरुआत हो जाएगी। मगर कोरोना की वजह से कुंभ मेले की अवधि कम रखी गई है। वहीं राज्य सरकार की तरफ से जारी की गई एसओपी के तहत ही कुंभ का आयोजन होगा। इस दौरान कोविड की गाइडलाइंस का पालन करना जरूरी होगा। उत्तराखंड सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि हरिद्वार महाकुंभ मात्र 30 दिनों का होगा। सरकार के इस फैसले का संत समाज विरोध कर रहा है। संतों ने कहा कि उत्तराखंड शासन और मेला प्रशासन कुंभ मेले को कैसे सीमित कर सकता है। ये हिंदुओं की आस्था से जुड़ा हुआ है।
सरकार मन से कुंभ करने की इच्छुक नहीं –
कोविड -19 के चलते एक तरफ उत्तराखंड सरकार चाहती है कि कुंभ मेले की अवधि काम हो,वही साधु समाज के प्रवक्ता रविंद्रानंद सरस्वती का कहना है कि सनातन धर्म को मानने वाली सरकार केंद्र और राज्य में है और ये चाहे तो सभी नियमों का पालन कराते हुए भव्य कुंभ का आयोजन कर सकते हैं लेकिन, इसके लिए इच्छा शक्ति होनी जरूरी है और इन आदेशों को देखकर लगता है कि सरकार मन से कुंभ कराने की इच्छुक नहीं है। साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार से गुहार लगाई है कि देश के लगभग सभी राज्यों से स्पेशल ट्रैन चलायी जाए जिससे पूरे देश से श्रद्धालु आसानी से हरिद्वार आ सके क्योकि सभी श्रद्धालुओं के पास अपने निजी वाहन नहीं होते। वही अखाड़ा परिषद के उपाध्यक्ष देवेंद्र सिंह शास्त्री का कहना है कि जब ट्रेनें ही नहीं चलाएंगे तो हरिद्वार श्रद्धालु कैसे आ पाएंगे। प्रयागराज में वहां की सरकार ने स्पेशल ट्रेनें और बसें चलाई हैं क्या वहां कोरोना नहीं है। वहां भव्य तरीके से माघ मेला मनाया जा रहा है और ये तो कुंभ से भी बड़ा मेला है। कुंभ मेले की तिथियां सरकार की तरफ से घोषित की गईं थीं, उसको अब सीमित कैसे किया जाएगा।