देहरादून। उत्तराखंड में बहुत से दार्शनिक स्थल हैं।उनमें से एक बहुत ही प्रसिद्ध जगह हैं हरिद्वार। अकसर सुना होगा कि सारे काम खत्म हो जाएंगे तो हरिद्वार के दर्शन कर लूं। ऐसा इसलिए कहते हैं क्योंकि हरिद्वार भारत के चुनिंदा धार्मिक स्थलों में से एक है। हरिद्वार का मतलब होता है ईश्वर का द्वार। इसे मायापूरी और मोक्षद्वार भी कहते हैं।
अगर हरिद्वार आए और हर की पौड़ी ना घूमें तो कुछ नहीं देखा। हर की पौड़ी पर होने वाली गंगा आरती हिन्दुओं के लिए बहुत महत्व रखती है। शाम की आरती के समय से कम से कम एक घंटा पहले घाट पर पहुंचे। गंगा आरती यहां के पंडितों द्वारा की जाती है। आप भी आरती के बाद गंगा में दीपदान कर सकते हैं। गंगा तट पर शाम की आरती के समय घंटियों की आवाज और आरती के बाद बहते हुए हजारों दियों की नजारा बेहद खूबसूरत होता है।
मंदिरों के लिए प्रसिद्ध हरिद्वार में मनसा देवी मंदिर के दर्शन बहुत ही अच्छा माना जाता है।मनसा देवी मंदिर बिलवा पहाड़ पर स्थित है। ये एक फेमस सिद्धपीठ है। हर की पौड़ी से लगभग 3 किमी ट्रैक करके या रोपवे (मनसा देवी उडनखटोला) के जरिए यहां पहुंचा जा सकता है। मंदिर तक जाने के लिए रोपवे 178 मीटर्स की उंचाई तक जाता है। यहां मांगी गई मन्नत पूरी हो जाती है।
पिंड जान के लिए प्रसिद्ध त्रिवेणी घाट तीन पवित्र नदियों का संगम है, जमुना, गंगा और सरस्वती। इसलिए इसे त्रिवेणी संगम कहते हैं। यहीं पर त्रिवेणी घाट है। कहा जाता है कि यहां स्नान करने से सारी तकलीफें दूर हो जाती हैं। हर शाम यहां भक्त गंगा में दिये बहाते हैं। यहां हजारों भक्त मोक्ष प्राप्ति के लिए आते हैं और सुबह या शाम गंगा में नहाते हैं।
कटरा में स्थित वैष्णो देवी मंदिर हिन्दुओं का पवित्र स्थान है। हरिद्वार में इसका रेप्लिका बनाया गया है। हालांकि, ये मंदिर 10 साल पुराना ही है, लेकिन वैष्णों देवी मंदिर की तरह ही इसमें भी गुफाएं बनी हैं। ये मंदिर जम्मू के वैष्णों देवी मंदिर के जैसा ही है।