नई दिल्ली। महिलाओ को लेकर भले ही बड़े बड़े दावे और वादे किये जाते रहे हो लेकिन उत्तर प्रदेश मे महिलायें कितनी सुरक्षित है इसका अन्दाजा सिर्फ इस बात से लगाया जा सकता है, कि एक युवती को उसके घर से अगवा कर 10 लोगों ने कई दिनो तक रेप की वारदात को अंजाम दिया। और जब किसी तरह से युवती उन दरिंदो के चंगुल से छूट कर पुलिस के पास पहुंची तो पुलिस ने भी कोई कार्रवाई करना मुनासिब न समझा अंत: एसपी के आदेश के तहत पीड़िता की शिकायक दर्ज हो सकी। आइए जानते हैं पूरा मामला।
दहेज के लिए किया गया प्रताड़ित
दरसल हरदोई के मल्लावां थाना क्षेत्र में रहने वाली 19 वर्षीय युवती की शादी एक साल पहले हुई थी, शादी के बाद जब पीड़िता अपने ससुराल पहुंची तो उसे पता चला कि उसका पति मानसिक रूप से ठीक नहीं है, कुछ दिन बीतने के बाद युवती के ससुराल वाले उसको दहेज के लिए प्रताड़ित करने लगे और इसी के साथ पीड़िता के मुताबिक उसका चचेरा जेठ परशुराम उसके साथ जबरदस्ती रेप करने लगा। जब पीड़िता ने इसकी शिकायत अपने सास ससुर से कि तो उन्होने बच्चा पैदा करने कि बात कही।
जिसके बाद पीड़िता ने अपने परिवार वालों से इस पूरी घटना को बयां किया। परिजनों ने ससुराल वालों पर संबंधित धाराओं के तहत मुकदमा भी दर्ज कराया, और अपनी बेटी को लेकर घर चले आए, जिसके कुछ दिन बाद पीड़िता का जेठ और करीब 9 और लोग लड़की को बंदूक की नोक पर जबरदस्ती गाड़ी में बैठा कर ले गया और पीड़िता के साथ एक घर में आठ दिनों तक सामूहिक दुष्कर्म किया। जिसके बाद पीडिता जैसे तैसे वहां से भागी और गांव के प्रधान को अपनी आपबीता सुनाई।
जिसके बाद परिजन पुलिस के पास गए लेकिन पुलिस वालों ने कोई मदद नहीं की बहरहाल करीब 2 महीने भटकने के बाद पीड़िता ने हाइकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। लेकिन हाइकोर्ट के आदेश के बाद भी पुलिस ने FIR तक दर्ज नहीं की जिसके बाद पीड़िता ने पुलिस उपमहानिरीक्षक से न्याय की गुहार लगाई और एसपी के आदेश के तहत पीड़िता की शिकायत दर्ज हो सकी।
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