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मैरिज लाइफ को हैप्पी मैरिज लाइफ बना रहा है ये कुटुंब

मैरिज लाइफ को हैप्पी मैरिज लाइफ बना रहा है ये कुटुंब

लखनऊ: पत्नी ने सुबह चाय नहीं बनाई तो पति को गुस्सा आया। इसके बाद पति ने पत्नी की परवरिश पर सवाल उठाया और मायके वालों को लेकर ताने मारे। पत्नी को यह सब गवांरा नहीं हुआ, तो वह सीधा शिकायत लेकर महिला थाने पहुंची। कुछ इसी तरह के छोटी- छोटी बातें पारिवारिक रिश्तों में दरार पैदाकर हंसते-खेलते परिवार को विवादों के कटघरे खड़ा कर देती हैं। इन रिश्तों की डोर को बचने के लिए वीमेन क्राइम सेल एक अहम काम कर रही है। वीमेन क्राइम सेल की ओर से चलाई जा रही कुटुंब योजना ने  सालभर से  करीब 316 परिवारों को टूटने से बचाया है। इसके अलावा इन रिश्तों की डोर को मजबूत करने का काम किया है।

कुटुंब ने संजोए सैकड़ों परिवार

लखनऊ कमिश्नरेट सिस्टम के तहत वीमेन क्राइम सेल ने कुटुंब योजना की शुरुआत की थी। इसमें थानास्तर और अधिकारियों से मिलने वाले सभी परिवारिक मामलों को सौंपा जाता है। 181 महिला स्टॉप सेंटर की तर्ज पर इन मामलों में दंपतीयों की काउंसलिंग के साथ उनकी समस्याओं को निपटाया जाता है। इसके अलावा दंपतियों को साथ रहने लिए संजोया गया है। वीमेन क्राइम सेल अधिकारी के मुताबिक, सात जन्मों और सात फेरों का बंधन अमूमन साल भर में थाना-चौकी में उलझता दिखाई पड़ता है। राजधानी के थानों में हर दूसरे दिन दहेज उत्पीड़न, घरेलू हिंसा के मामले सामने आ रहे हैं। साल भर में कुटुंब योजना ने 316 परिवारों को बिखरने से बचाया है। बताया कि खासतौर पर नई शादी में यह समस्या चुनौतीपूर्ण ढंग से खड़ी हो जाती है।

साल भर में आए मामले :  01 अप्रैल 2020 से मई 2021 तक

आए प्रार्थना पत्र                   925

निपटरा                              316

एफआईआर                        02

निस्तारण                            74

कोर्ट पहुंचे                          486

सोशल मीडिया से आ रही दरार

मनकक्ष की काउंसलर खुश अदा जैदी बताती है कि लोग रिश्तों में ज्यादा फेसबुक, व्हाट्सअप, इंस्टाग्राम, टेलीग्राम और ट्विटर पर व्यस्त रहते है। पास रहते हुए भी सोशल मीडिया ने उन्हें दूर कर दिया है। जिस वजह से उनके रिश्तों में शक की दीवार खड़ी हो जाती है। कहीं हद तक उनका शक विवाद में तब्दील हो जाता है। इसके बाद घर का झगड़ा सड़क ऑफिस से होता हुआ थाने और चौकियों में पहुंच जाता है। तो वहीं एसीपी श्वेता श्रीवास्तव ने बताया कि इस योजना से कई परिवारों को बुलाया गया है। जांच में पता चला कि छोटी-छोटी बातों पर दंपती के बीच मनमुटाव हो गया था। हालांकि तमाम दंपत्ति एक दूजे से अलग रहने के लिए भी प्रार्थना पत्र दे चुके हैं। कांउसलिंग के जरिए उनके रिश्तों की डोर को टूटने से बचाया गया है।

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