featured

15 अगस्त भारत को मिली आजादी, इस दिन मनाया जाता है जश्न

आजादी

15 अगस्त यानी भारत की आजादी का दिन इस दिन भारत को पूर्ण रूप से आजादी मिली थी इसलिए यह दिन भारत के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है देशभर में इस दिन को पावन पर्व के रूप में मनाया जाता है यह दिन देश की एकता व अखंडता को दर्शाने का काम करता है आज के दिन उन वीरों को भी याद किया जाता है जिन्होंने देश की आजादी में अपना योगदान दिया और आज भी भारत को ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए भारतवासी अपना योगदान दे रहे हैं आजादी मिलने के बाद से ही इस दिन को धूमधाम के साथ मनाया जाने लगा इस साल भारत अपना 74 वा स्वतंत्र दिवस मनाने जा रहा है यानी भारत को आजाद हुए 74 साल पूरे हो चुके हैं आजादी के बाद भारत ने बहुत सारी ऊंचाइयों को छुआ है और आज भारत एक बड़ी ताकत बनकर दुनिया में खड़ा है भारत के अलावा 15 अगस्त के दिन कई देशों को आजादी मिली है यह सभी देश 15 अगस्त को बड़ी धूमधाम के साथ आजादी के रूप में मनाते हैं देशभर में इस दिन तिरंगा लहराया जाता है वह तिरंगे का मान सम्मान बढ़ाया जाता है। 15 अगस्त 1947 को लंबे संघर्ष के बाद भारत को आजादी मिली थी।

आजादी के लिए गांधी जी ने किये आंदोलन

भारत की आजादी में सबसे अहम किरदार महात्मा गांधी जी का रहा है जिन्होंने बहुत सारे आंदोलन के लिए और अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ लगातार संघर्ष करते रहे अपनी आवाज को बुलंद कर देश को एकजुट करने में गांधीजी का अहम योगदान रहा। उन्होंने देश को एक नई आवाज दी उन्होंने इसके लिए बहुत सारे बलिदान भी दिए। लेकिन लगातार संघर्ष व प्रयासों के बाद गांधी जी को सफलता प्राप्त हुई। बावजूद इसके भी गांधीजी इस स्वतंत्रता आंदोलन के जश्न में शामिल नहीं हुए क्योंकि वह हिंदुस्तान को हुए बंटवारे को लेकर खुश नहीं थे और भारत में चल रही हिंदू और मुस्लिम हिंसा को लेकर वो आंदोलन पर बैठे हुए थे।

 अहिंसा के समर्थक थे गांधी जी

गांधी जी किसी भी प्रकार से हिंसा का समर्थन नहीं करते थे उन्होंने अपने पूरे जीवन काल में अहिंसा का समर्थन किया। गांधी जी दृढ़ निश्चय के व्यक्ति थे गांधीजी के दृढ़ निश्चय के चलते अंग्रेजी हुकूमत को उनके सामने झुकना पड़ा। जिसके बाद भारत की आजादी का प्रस्ताव अंग्रेजी हुकूमत ने भारत के सामने रखा और भारत का बंटवारा कर भारत को आजाद कर दिया गया। लेकिन बंटवारे की प्रक्रिया को लेकर गांधी जी इसके समर्थन में नहीं थे। उन्होंने हमेशा से ही बंटवारे का विरोध किया और भारत की एकता की बात कही थी। गांधी जी भारत के हिंदू मुस्लिम एकता के समर्थन में थे उन्होंने अपने आजादी को लेकर चल रहे आंदोलन में कभी भी हिंदू मुस्लिम को अलग करने की बात नहीं कही थी जिसके चलते उन्हें बंटवारे के बाद बहुत दुख हुआ।

आजादी का दिन बना स्वर्ण

आपको बता दें कि आजादी के पहले साल ही 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्रता दिवस के दिन लाल किले से तिरंगा नहीं फहराया गया था। लोकसभा सचिवालय के एक शोध के अनुसार नेहरू ने 16 अगस्त 1947 को लाल किले से तिरंगा फहराया था लेकिन उसके बाद हर साल 15 अगस्त को लाल किले से तिरंगा फहराया जाने लगा। क्योंकि इस दिन को ही भारत देश आजाद हुआ था इसलिए इस दिन को जश्न के साथ मनाया जाने लगा। यह भारत के इतिहास का स्वर्ण दिन माना गया इस दिन एक नए भारत का जन्म हुआ और भारत को अपनी एक नई पहचान मिली। इस दिन सभी स्कूल कॉलेज और सभी संस्थाओ में इस दिन को जश्न के साथ मनाया जाता है और साथ ही तिरंगे को लहराया जाता है। इस लाल किले पर भव्य समारोह किया जाता है जिसमे देश व विदेश की बड़ी बड़ी हस्तिया शामिल होती है इस दिन भारत की ताकत का भी प्रदर्शन किया जाता है।

Related posts

भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच  साल की पहली वनडे सीरीज का आगाज, जाने कब और कहां खेला जाएगा मैच

Rani Naqvi

निक्की तंबोली ने बाथरूम में बनाया हॉट वीडियो, फैंस बोले आग लगा दी

Shailendra Singh

आज शाम कानपुर पहुंचेगी प्रेसीडेंशियल ट्रेन, जानें सुरक्षा और कार्यक्रम के इंतजाम

Shailendra Singh