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देशभर में आज मनाया जा रहा गणेश चतुर्थी का पावन पर्व

ganesha ji देशभर में आज मनाया जा रहा गणेश चतुर्थी का पावन पर्व

देशभर में आज यानि 22 अगस्त को गणेश चुतर्थी का पावन पर्व मनाया जा रहा है। इस पावन पर्व पर इस दिन को भगवान गणेश जी के जन्मदिन के उत्सव के रूप में मनाया जाता है। इसलिए इस दिन को पावन पर्व पर के रूप में मनाया जाता है। इस पावन पर्व पर गणेशजी की पूजा अर्चना की जाती है और इस दिन गणेशजी को सभी देवताओं में सबसे पूजनीय माना जाता है। क्योकि यह दिन गणेशजी का होता है और कोई भी शुभ कार्य करने से पहले गणेश जी की आरती की जाती है।

इस दिन लोग गणेश जी को अपने घर लाते हैं और गणेश चतुर्थी के ग्यारहवें दिन धूमधाम के साथ गणेश जी को विसर्जित कर दिया जाता है और अगले वर्ष जल्दी आने की प्रार्थना की जाती है। बता दें कि गणेश चतुर्थी शाम 7:56 बजे तक है और हस्त नक्षत्र भी शाम 7:10 बजे तक है।

शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाते है गणेश चतुर्थी

आज के दिन इस पवन पर्व पर, भगवान गणेश को बुद्धि, समृद्धि और सौभाग्य के देवता के रूप में पूजा जाता है। माना जाता है कि भाद्रपद माह में शुक्ल पक्ष के दौरान भगवान गणेश का जन्म हुआ था। इसलिए हर साल यह पर्व भाद्रपद माह शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को ही मनाया जाता है। इस दिन को लोग बहुत आस्था के साथ मानते है।

126 साल बाद बन रहा है शुभ योग

इस दिन चौघड़िया मुहूर्त शुभ है। 22 अगस्त को दोपहर 12:22 बजे से शाम 4:48 बजे तक चर, लाभ और अमृत के चौघड़िया है। इस साल गणेश चतुर्थी ऐसे समय में मनाई जा रही है, जब सूर्य सिंह राशि में और मंगल मेष राशि में है। माना जा रहा है कि सूर्य और मंगल का यह योग 126 साल बाद बन रहा है। इस दिन का योग विभिन्न राशियों के लिए अत्यंत लाभदायी रहेगा।

गणेश चतुर्थी पर जगह-जगह झांकी पांडाल सजाए जाते थे और प्रतिमाएं स्थापित की जाती है, लेकिन इस साल कोरोना के चलते गणेश जी की झांकियां लगाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध है।

11वें दिन किया जाता है विसर्जन

10 दिन बाद अनन्त चतुर्दशी के दिन गणेशोत्सव समाप्त होता है। इस दिन श्रद्धालु धूमधाम के साथ सड़कों पर ढोल बजाते, नाचते-गाते हुए भगवान गणेश की मूर्ति का विसर्जन करते हैं। लेकिन इस बार कोरोना के चलते भीड़ जमा होने पर पूरी तरह से प्रतिबन्ध है इसलिए किसी भी प्रकार के धार्मिक उत्सव पर भीड़ वाले कार्यक्रम नहीं किये जा सकते।

दोस्तों और करीबियों को दें शुभकामनाएं

वेदाचार्यों के अनुसार इस दिन विघ्नहर्ता श्री गणेश जी का जन्म मध्यान्ह में हुआ था। इसलिए इस दिन गणेश जी की मूर्ति स्थापित कर यथोपलब्ध सामग्री दूर्वा एवं मोदक से पूर्जा अर्चना की जानी चाहिए। वेदाचार्यों के मुताबिक चतुर्थी तिथि 21 को रात्रि 11.02 बजे से शुरू होकर 22 अगस्त शाम 07:56 तक रहेगी। इस पवन पर्व पर आप अपने दोस्तों और करीबियों को गणेश चतुर्थी की शुभकामनाएं दे सकते है।

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