लखनऊः इतिहास की कुछ तारीखें अपने आप में खुद को अमर कर लेती है। अपने भीत हजारों कहानियां समेटे इन तारीखों को जब कुरेदा जाता है तो ऐसी कई दिलचस्प और प्रेरणा देने वाली किस्से सामने आते हैं। ऐसी ही एक तारीख 5 जून की है।
आज ही के दिन साल 1972 में सीएम योगी आदित्यनाथ का जन्म हुआ था। आज वह देश के सबसे बड़े सूबे के मुखिया हैं। सीएम आज अपना 49वां जन्मदिन मना रहे हैं। आज हम आपको सीएम योगी आदित्यनाथ के इतिहास से जुड़े किस्सों के बारे में बताएंगे।
झगड़े की वजह से हुई थी राजनीति में एंट्री
कई साल पहले की बात है जब एक इंटर क़ॉलेज के कुछ छात्रों का एक कपड़े के दुकानदार से विवाद हो गया। विवाद बढ़ने पर दुकानदार ने तमंचा निकाल लिया। शिकायत करने पर जब कोई कार्रवाई नहीं हुई तो दो दिन बाद योगी की अगुवाई में दुकानदार के खिलाफ छात्रों ने एसएसपी आवास का घेरवा किया और आवास की दीवाल पर भी चढ़ गए थे।
छात्रों की नाराजगी को देखते हुए पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की। उसके बाद छात्रों के बीच योगी आदित्यानाथ काफी लोकप्रिय हो गए थे।
ऐसी ही 15 फरवरी 1994 की भी एक तारीख है जब योगी आदित्यनाथ को नाथ संप्रदाय के सबसे प्रमुख मठ गोरखनाथ मंदिर के उत्तराधिकारी के रूप में चुना गया था। योगी ने गुरु महंत अवैद्यनाथ से सन्यास की दीक्षा ली थी। यही से योगी आदित्यनाथ की राजनीति में ‘एंग्री यंग मैन’ के रूप में शुरूआत हुई थी।
यही वो दौर था जब गोरखपुर में दो बाहुबली नेता हरिशंकर तिवारी और वीरेंद्र प्रताप शाही की पकड़ कमजोर हुई थी। युवाओं के बीच योगी का ‘एंग्री यंग मैन’ रूप लोगों के दिलों में बसता गया। लोगों को हिंदू महासभा के अध्यक्ष रहे मंत दिग्विजयनाथ की छवि भी योगी में दिखने लगी। जिसके कारण लोग काफी ज्यादा योगी से जुड़ने लगे।
बढ़ती लोकप्रियता देख गोरखनाथ मंदिर के महंत ने अपनी गद्दी का उत्तराधिकारी भी चार साल बाद ही योगी को बना दिया। जिस गोरखपुर से महंत अवैद्यनाथ चार बार सांसद रहे, उसी सीट से पहली बार साल 1998 में योगी सबसे कम उम्र के सांसद बनकर लोकसभा पहुंचे। उस समय योगी की उम्र महज 26 साल थी।