वॉशिंगटन। पाकिस्तान में मई-जून के महीने में आम चुनाव होने है, जिसके लिए वहां की सभी राजनीतिक पार्टियों ने अपनी कमर कस ली है। वहीं इस बार पाकिस्तान के आम चुनावों में आतंकी हाफिज सईद भी अपनी किस्मत अजमाएगा, जिसके लिए उसने मिल्ली मुस्लिम लीग नाम से एक राजनीतिक पार्टी बनाई है। हैरानी की बात तो ये है कि पाकिस्तान का चुनाव आयोग ये जानता है कि हाफिज अंतर्राष्ट्रीय आतंकी है, लेकिन इसके बावजूद भी उसने हाफिज की पार्टी से प्रमाण पत्र मांगा है।
वहीं भले ही पाकिस्तान में हाफिज की पार्टी को चुनाव लड़ने की इजाजत मिल जाए, लेकिन इसको लेकर अमेरिका ने भी अपना रूख स्पष्ट कर दिया है। अमेरिका ने हाफिज की पार्टी मिल्ली मुस्लिम लीग को एक विदेशी आतंकवादी संगठन घोषित कर दिया है, जिसके बाद अगर पाकिस्तान में हाफिज की सरकार बनती है तो ये जग जाहिर हो जाएगा कि पाकिस्तान आतंकवादियों को पालता-पोसता है।
बता दें कि अमेरिका ने एमएमएल समेत सात सदस्यों को भी विदेशी आतंकवादी घोषित किया। इसमें तहरीक-ए-आजादी-ए-कश्मीर को भी शामिल किया गया है। टीएजेके को लश्कर-ए-तैयबा का एक मोर्चा बताया जाता है जो कि ट्रंप प्रशासन के मुताबिक पाकिस्तान में बिना किसी रोक टोक के अपनी गतिविधियों को अंजाम देते हैं।अमेरिकी विदेश मंत्रालय में आतंकवाद-निरोध समन्वयक नाथन ए. सेल्स ने कहा कि एमएमएल और टीएजेके दोनों ही लश्कर-ए-तैयबा के मोर्चे है और इन्हें प्रतिबंधों से बचने के लिए बनाया गया है।
सेल्स ने कहा कि कृपया आप भ्रमित ना हों। लश्कर-ए-तैयबा चाहे कोई भी नाम बदल ले, वह हमेशा हिंसक आतंकवादी संगठन ही रहेगा। अमेरिका उन सभी कदमों का समर्थन करता है, जो ये सुनिश्चित करना चाहते हैं कि हिंसा का रास्ता पूरी तरह छोड़ने तक लश्कर-ए-तैयबा को कोई राजनीतिक मंच ना मिले। बता दें कि जमात-उद दावा का संगठन लश्कर-ए-तैयबा पूरी दुनियाभर में अपनी आतंकी करतूतों को लेकर बदनाम है।