नई दिल्ली: जमात-उद-दावा प्रमुख और मुंम्बई हमले के मास्टर माईंट हाफिज सईद के बेटे और दामाद 25 जुलाई को होने वाले आम चुनावों में पंजाब प्रांत से चुनाव लड़ेंगे। पाकिस्तान के चुनाव आयोग (ईसीपी) ने हफीज तलहा सईद (पुत्र) और हाफिज खालिद वालीद (दामाद) के लिए राष्ट्रीय असेंबली सीट-91 (सरगोधा -4) और नेशनल असेंबली सीट-133 (लाहौर) के नामांकन पत्र को स्वीकार कर लिया हैं।
डॉन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान के निर्वाचन आयोग के साथ पंजीकृत अल्पसंख्यक अल्लाह-ओ-अकबर तेहरिक (एएटी) टिकट पर आगामी चुनाव लड़ने के लिए जमात-उद-दवा द्वारा 265 उम्मीदवारों में से इन दो को भी चुना गया है।
एएटी का गठन 15 साल पहले हुआ
आपको बता दें कि एएटी का गठन लगभग 15 साल पहले हुआ था और 2013 में इसका नाम ईसीपी के साथ पंजीकृत किया गया था। 2008 के मुंबई हमले के दौरान लश्कर-ए-तैयबा आतंकवादी संगठन के लिए एक जूड जूड ने 166 लोगों का दावा किया, जिसने अपने राजनीतिक मोर्चा मिली मुस्लिम लीग (एमएमएल) की शुरुआत की।
ईसीपी ने पहले पाकिस्तान के आंतरिक मंत्रालय की सिफारिश पर सईद की राजनीतिक पार्टी को पंजीकृत करने के लिए एमएमएल के आवेदन को खारिज कर दिया था और कहा था कि “एमएमएल के पास प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों के साथ संबंध हैं”। पिछले साल सितंबर में ईसीपी को लिखे एक पत्र में, आंतरिक मंत्रालय ने कहा कि ‘एमएमएल की हालिया राजनीतिक गतिविधियों को आधिकारिक तौर पर राजनयिक स्तर पर आक्षेप किया गया है’। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि एमएमएल पूरे पाकिस्तान से 80 एनए और 185 प्रांतीय सीटों से उम्मीदवारों को आगे बढ़ाएगा। हालांकि, पंजाब फोकस रहेगा, जहां 50 एनए और 152 प्रांतीय असेंबली उम्मीदवार चुनाव लड़ेंगे।