नई दिल्ली: पाकिस्तान की कोर्ट की ओर से मुंबई धमाकों के मास्टरमाइंड हाफिज सईद को आतंक के आरोप में छह साल की सजा सुनाए जाने की रिपोर्ट्स के बाद भारत ने पाकिस्तान से कहा है कि उसकी धरती पर सक्रिय सभी आतंकी ग्रुप और उनके नेताओं के खिलाफ एक्शन लिया जाए। भारत सरकार से जुड़े सूत्रों का कहना है, ‘हमने मीडिया रिपोर्ट्स देखी हैं कि पाकिस्तान की एक कोर्ट ने टेरर फंडिंग मामले में वैश्विक आतंकी हाफिज सईद को सजा सुनाई है। आतंकवाद के खात्मे के लिए यह पाकिस्तान के लंबे समय से लंबित अंतरराष्ट्रीय बाध्यता का हिस्सा है। साथ ही कहा, ‘यह फैसला FATF।
यह सजा ऐसे समय में दी गयी है जब फ्रांस की राजधानी पेरिस में चार दिन बाद फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स की बैठक होने वाली है जहां पाकिस्तान को काली सूची में शामिल होने से बचने के लिए अपना पक्ष रखना है। संयुक्तराष्ट्र से आतंकवादी घोषित सईद को पिछले साल 17 जुलाई को आतंकवाद के वित्त पोषण के मामले में गिरफ्तार किया गया था। लश्कर ए तैयबा और जैश ए मोहम्मद जैसे आतंकवादी संगठनों के वित्त पोषण को रोकने में विफल रहने के कारण एफएटीएफ ने पिछले साल अक्टूबर में पाकिस्तान को ‘ग्रे सूची’ में रखने का निर्णय किया था।
अगर पाकिस्तान अप्रैल तक इस सूची से नहीं निकलता है तो उसे काली सूची में डाला जा सकता है जिसे ईरान की तरह गंभीर आर्थिक प्रतिबंध झेलना पड़ सकता है। काउंटर टेररिज्म विभाग ने सईद और उसके साथियों के खिलाफ 23 मामले दर्ज किये हैं। उनके खिलाफ पंजाब प्रांत के विभिन्न शहरों में आतंकवाद का वित्त पोषण करने का आरोप है। मुंबई में 2008 में हुए आतंकी हमलों के मास्टरमाइंड तथा कुख्यात आतंकवादी एवं जमात उद दावा प्रमुख हाफिज सईद को पाकिस्तान की एक आतंकवाद निरोधक अदालत ने आतंकवाद को वित्त पोषण करने के दो मामलों में बुधवार को कैद की सजा सुनाई।
वहीं हाफिज साईद अभी उच्च सुरक्षा वाले लाहौर के कोट लखपत जेल में बंद है। अमेरिका ने सईद पर एक करोड़ डालर का इनाम भी रखा है। आतंकवाद निरोधक अदालत के न्यायाधीश अरशद हुसैन भुट्टा ने सईद एवं उसके करीबी सहयोगी जफर इकबाल को साढे पांच साल के कारावास की सजा सुनायी गयी है एवं 15 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। दोनों मामलों में कुल 11 साल की सजा साथ साथ चलेगी। सईद एवं इकबाल को दो मामलों में यह सजा सुनायी गयी है जो लाहौर एवं गुजरांवाला में पंजाब पुलिस के काउंटर टेररिज्म विभाग के आवेदन पर दर्ज किया गया था।