नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय के नार्थ कैंपस के जारी विवाद के बीच सोशल मीडिया में सुर्खियों में आई गुरमेहर कौर ने अपने आप को इस मुहिम से अलग कर लिया है। उन्होंने मंगलवार को ट्विटर पर एक के बाद एक लगातार ट्वीट करके इस बात की जानकारी दी।
उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, मैं इस कैंपने से खुद को अलग कर रही हूं। सभी को बधाई। मुझे जो कहना था कह चुकी हूं। मुझे अकेला छोड़ दे।
I’m withdrawing from the campaign. Congratulations everyone. I request to be left alone. I said what I had to say.. (1/2)
— Gurmehar Kaur (@mehartweets) February 28, 2017
अपने अगले ट्वीट में उन्होंने लिखा ये मुहिम सभी छात्रों के लिए थी ना की मेरे लिए। सभी लोग बढ़-चढ़कर मार्च में हिस्सा ले। मेरी तरफ से उन्हें शुभकामनाएं। अगर किसी को मेरी बहादुरी और हिम्मत पर कोई संदेह है तो मैं उसे अच्छी तरह से दिखा चुकी हूं।
The campaign is about students and not about me. Please go to the March in huge numbers. Best of luck.
— Gurmehar Kaur (@mehartweets) February 28, 2017
अपने अगले ट्वीट में मेहर ने लिखा, कि अगली बार जब भी हम हिंसा या धमकी के खिलाफ आवाज उठाने की सोचेंगे, बस इतना ही कहना था।
One thing is for sure, next time we will think twice before resorting to violence or threats and that’s all this was about (2/2)
— Gurmehar Kaur (@mehartweets) February 28, 2017
बता दें कि लेडी श्रीराम कॉलेज की स्टूडेंट गुरमेहर कौर का कहना है कि उनको धमकी भरे मैसेज भी मिल रहे हैं, इस संबंध में गुरमेहर ने एक तख्ती पर संदेश लिखा है- सोशल मीडिया पर मुझे काफी धमकी मिल रही है। मुझे लगता है कि यह बहुत डरावना है, जब लोग आपको हिंसा या रेप की धमकी देते हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रवाद के नाम पर रेप की धमकी देना सही नहीं है। पर इन सबसे मैं डरने वाली नहीं हूं।
जानिए कौन है गुरमेहर कौर?
गुरमेहर कौर श्रीराम कॉलेज की छात्रा और करगिल शहीद कैप्टन मनदीप सिंह की बेटी हैं जो इन दिनों एबीवीपी के विरोध को लेकर चर्चाओं में हैं, उनकी तख्ती वाली तस्वीर सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है।
ऐसे शुरु हुआ पूरा विवाद:-
यह है रामजस कॉलेज कै मामला- रामजस कॉलेज में सेमिनार द कल्चर ऑफ प्रोटेस्टस शुरू हुआ, जिसमें जेएनयू स्टूडेंट उमर खालिद को भी बतौर स्पीकर पहुंचना था। उमर खालिद को लिटरेरी सोसायटी की ओर से इनवाइट किया गया था। उमर को अपनी पीएचडी के एक टॉपिक पर बोलना था, जो बस्तर के आदिवासी इलाके पर है। मगर उमर के पहुंचने से पहले ही एबीवीपी मेंबर्स और डूसू के कुछ मेंबर्स ने प्रोटेस्ट शुरू कर दिया। उन्होंने प्रिंसिपल से मिलकर भी सेमिनार को रोकने की मांग की। सेमिनार हॉल में भी ये लोग घुस गए और नारेबाजी करने लगे। इस पूरे मामले के बाद से आइसा और एबीवीपी के बीच कैम्पस से लेकर सोशल मीडिया पर जंग जारी है।