- भारत खबर || पटना
Gupteshwar Pandey ने वीआरएस लेकर सबको चौंका दिया, इसके बाद चर्चाएं होने लगी कि वह राजनीति में जाना चाहते हैं। Bihar DGP Gupteshwar Pandey अब सेवानिवृत्त हो चुके हैं। बिहार सरकार ने गुप्तेश्वर पांडे का वीआरएस आवेदन स्वीकार कर लिया है।
बिहार में चर्चाएं होने लगी कि डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे जेडीयू के टिकट पर चुनावी अखाड़े में किस्मत आजमा सकते हैं। रिटायरमेंट के बाद अपने बयान में Bihar DGP Gupteshwar Pandey ने कहा कि उनके रिटायरमेंट का मतलब सुशांत सिंह राजपूत प्रकरण से नहीं है।
गुप्तेश्वर पांडे ने कहा, ‘बक्सर, जहानाबाद, बेगूसराय और अन्य जिलों से लोग मेरे पास आ रहे हैं. मैं लोगों से बात करूंगा कि वो आगे मेरी सेवाएं किस प्रकार लेना चाहते हैं। आज मैं बिहार का डीजीपी नहीं हूं तो अब मुझपर कोई सरकारी आदेश लागू नहीं होगा। मैंने अभी तक नहीं कहा कि मैं चुनाव लड़ूंगा। मैंने अभी कोई पार्टी जॉइन नहीं की है। जब मैं करूंगा तो आपको बताऊंगा। समाज की सेवा का जरिया सिर्फ राजनीति नहीं है।’
Bihar DGP Gupteshwar Pandey ने बातचीत के दौरान बताया कि, मेरे रिटायरमेंट का सुशांत मामले से कोई लेना-देना नहीं है।’ उन्होंने स्वीकार किया कि सुशांत मामले में राजनीति हो रही है और यह दुखद है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर आरोप लग रहे हैं।
पहले भी वीआरएस का आवेदन कर चुके हैं Gupteshwar Pandey
आपको बता दें कि इससे पहले भी बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे नहीं हुई आर एस के लिए आवेदन किया था। साल 2009 में बक्सर से लोकसभा चुनाव लड़ने का मन बनाने वाले डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे ने राज्य सरकार को आवेदन किया था लेकिन सरकार ने उनके विहारस को मंजूरी नहीं दी थी और वह पुलिस विभाग की सेवा में पुनः वापस लौट आए थे।
उधर भारतीय जनता पार्टी के सांसद मनोज तिवारी ने बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे की तारीफों के पुल बांधते हुए कहा है कि अगर गुप्तेश्वर पांडे जैसा डीजीपी नहीं होता तो सुशांत सिंह राजपूत के प्रकरण में न्याय मिल पाना संभव हो जाता। मनोज तिवारी के इस बयान को भी राजनीतिक गलियारे में बिहार चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है।