बिहार के DGP गुप्तेश्वर पांडे ने मंगलवार शाम को सेवा से वॉलंटरी रिटायरमेंट ले लिया हैं। गुप्तेश्वर पांडे 1987-बैच के IPS अधिकारी हैं। 1987-बैच के IPS अधिकारी के लिए 22 सितंबर अंतिम कार्य दिवस था। बिहार के राज्यपाल ने मंगलवार देर शाम गुप्तेश्वर पांडे के अनुरोध को मंजूरी दे दी, जिसमें VRS की मांग की गई थी। गृह विभाग द्वारा इस संबंध में एक अधिसूचना भी जारी की गई। कई लोगों का मानना है कि गुप्तेश्वर पांडे इस साल होने वाले बिहार विधानसभा का चुनाव लड़ेंगे, क्योंकि वह अगले साल फरवरी में सेवानिवृत्त होने वाले थे। DGP गुप्तेश्वर पांडे के VRS के बाद होमगार्ड और फायर सेवाओं के महानिदेशक संजीव कुमार सिंघल को DGP का अतिरिक्त प्रभार दिया गया हैं।.
बिना राजनीति ज्वाइन किए भी की जा सकती हैं समाज सेवा
एएनआई के अनुसार, रिटायरमेंट लेने पर बिहार DGP ने कहा ”आज की तारीख में मैं DGP नहीं हूं. वो जो नियम कानून हैं जो सरकारी अधिकारी पर लागू होते हैं वो मुझ पर अब लागू नहीं होते। उन्होंने कहा, “मैंने न कोई पॉलिटिकल पार्टी ज्वाइन की है न ही मैं अभी कोई पॉलिटिकल व्यक्ति हूं। जब ज्वाइन करुंगा तो आप सबको बताकर के ज्वाइन करुंगा।” साथ ही उन्होंने कहा ”सोसायटी में काम करने का तरीका केवल राजनीति ज्वाइन करना नहीं हैं, बिना राजनीति ज्वाइन किए हुए भी समाज में सेवा की जा सकती हैं मैं जब तय करुंगा की राजनीति में जाना है और तय करुंगा की कौन सी पार्टी में जाना है तो मैं बता दूंगा।”
2009 में भी ली थी समयपूर्व सेवानिवृत्ति
बता दें कि हाल ही में बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की मौत की जांच के मामले में गुप्तेश्वर पांडे खूब सुर्ख़ियों में रहे। गुप्तेश्वर पांडे ने इससे पहले 2009 में लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए समयपूर्व सेवानिवृत्ति ले ली थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, गुप्तेश्वर पांडे ने 2009 में बीजेपी के टिकट पर बक्सर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की इच्छा जताई थी। लोकसभा चुनाव लड़ने के इरादे से उन्होंने मार्च 2009 में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना का विकल्प चुना। लेकिन चुनावी राजनीति में उतरने का उनका सपना सफल नहीं हो पाया।
2019 लोकसभा चुनाव से पहले बने थे बिहार पुलिस के डीजीपी
गुप्तेश्वर पांडे ने अपने VRS के नौ महीने बाद बिहार सरकार से अनुरोध किया कि उन्हें अपना इस्तीफा वापस लेने की अनुमति दी जाए। नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार ने गुप्तेश्वर पांडे की याचिका को मंजूरी दे दी और वह 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले बिहार पुलिस के DGP बने।