कश्मीर | कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद अपने ही बयान के कारण सुर्खियों में हैं। उन्होंने हाल ही में एक बयान दिया था कि जम्मू कश्मीर में मोदी सरकार बातचीत की अपेक्षा कार्यवाही में ज्यादा विश्वास रखती है, जिसके कारण आतंकवादी तो कम मरते हैं, अपितु आम लोग ज्यादा प्रभावित होते हैं।
उन्होंने कहा था कि मोदी सरकार का प्लान सिर्फ मारधाड़ है। वह बातचीत करना चाहते ही नहीं हैं। अब मामले बड़ा इसलिए हुआ है क्योंकि लश्कर ए तैयबा का प्रवक्ता अब्दुल्ला गजनवी ने गुलाम नबी आजाद को सही बताया है। एक प्रेस रिलीज में उसने कहा कि कश्मीर के लोगों को सताया जा रहा है, मोदी सरकार कश्मीर के लोगों पर अत्याचार कर रही है और भारत सरकार सात दशक से कश्मीरियों को जीने नहीं दे रही है।
उसने यह भी कहा कि गुलाम नबी आजाद का कहना सही है। अब इस पर बवाल शुरू हो गया है, बीजेपी की प्रवक्ता संबित पात्रा ने गुलाम नबी आजाद पर कटाक्ष करते हुए कहा है की गुलाम नबी आजाद के कथन को लश्कर-ए-तैयबा का प्रवक्ता सही बता रहा है, आखिर यह कितना सही है ?