कोविड -19 से जूझने के बाद, गुजरात के कुछ हिस्से अब डेंगू, चिकनगुनिया और मलेरिया के बढ़ते मामलों का सामना कर रहे हैं। ताजा आंकड़ों के मुताबिक, राज्य में डेंगू, चिकनगुनिया और मलेरिया के मामलों में 20 जनवरी से 4 सितंबर तक 110 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है। अहमदाबाद नगरपालिका स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले वर्ष 20 जनवरी से 4 सितंबर तक, शहर में 255 डेंगू के मामले दर्ज किए गए थे, जबकि इस साल इसी अवधि के दौरान यह आंकड़ा 684 था। इस बीच, चिकनगुनिया के मामले पिछले साल इस अवधि के दौरान 196 थे, और इस वर्ष ये आंकड़ा 412 हैं।
पिछले वर्ष के आंकड़ों की तुलना में इस वर्ष के पहले 9 महीनों में डेंगू के मामलों में 58.3 फीसदी की वृद्धि हुई है। AMC के आंकड़े बताते हैं कि इस अवधि में जल-जनित बीमारियां भी बढ़ी हैं। शहर में 21 जनवरी से 4 सितंबर तक हैजा के कुल 64 मामले दर्ज किए गए हैं, जबकि पिछले साल हैजा का कोई मामला नहीं था। अहमदाबाद, जामनगर, राजकोट और वडोदरा समेत गुजरात के कुछ हिस्सों में मच्छर जनित बीमारियां भी बढ़ रही हैं। राज्य के कुछ हिस्सों में डेंगू और चिकनगुनिया के संक्रमण के वजह से अस्पतालों में बिस्तरों की कमी हो गई है।
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वडोदरा के सयाजी अस्पताल, जहां वर्तमान में मौसमी बीमारियों के लिए 200 से अधिक मरीजों का इलाज चल रहा है, ने बिस्तरों की अनुपलब्धता की सूचना दी है। अहमदाबाद के मेडिसिटी सिविल अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ राकेश जोशी ने कहा कि उन्होंने शाम की OPD शुरू कर दी है क्योंकि उन्हें बुखार और वायरल संक्रमण के कई रोगी मिल रहे हैं। लोगों को बीमारियों के बारे में ज्यादा जागरूक होने की जरूरत है, डॉ जोशी ने बताया कि उन्हें डेंगू और चिकनगुनिया के लिए एहतियात के तौर पर अपने घरों और रहने वाले इलाकों को साफ रखने की जरूरत है।