गुजरात में बाढ़ प्रभावित किसानों को राज्य सरकार की तरफ से मुआवजा देने का ऐलान किया गया था लेकिन अब सच तो कुछ और ही निकल कर सामने आ रहा है। दरअसल यहां किसी भी किसान को सरकार की तरफ से किसी भी प्रकार की मदद नहीं दी गई है। सरकार द्वारा मदद ना दिए जाने के बाद किसानों में खासा रोष है। किसानों का कहना है कि वह कई दिनों से मुआवजे का इंतजार कर रहे हैं। लेकिन अभी तक कुछ मदद नहीं मिली है।
गौरतलब है कि गुजरात चुनाव में तारीखों के ऐलान में देरी के कारण चुनाव आयोग ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य चलाए जाने की बात कही थी लेकिन कांग्रेस ने इसका विरोध किया था जिसके एक हफ्ते बाद चुनाव आयोग ने गुजरात चुनाव की तारीखों का ऐलान किया। लेकिन जो दलील चुनाव आयोग ने दी थी वह तो पूरी ही नहीं हुई है यहां तक की किसानो के घरों में सरकार की तरफ से एक अनाज का दाना भी नहीं गया है। किसानों का कहना है कि वह कई बार सरकार को पत्र भी लिख चुके हैं लेकिन कुछ भी मदद नहीं दी गई है।
बाढ़ के कारण जेतड़ गांव में 80 किसान परिवार को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। यहां तक की किसानों की सारी फलस पानी में बर्बाद हो गई थी। किसानों का कहना है कि मात्र आश्वासन से घर में दाना नहीं उग जाता है। किसानों ने कहा कि ना ही सरकार ने मुआवजा दिया और ना ही खेती के लिए वैकल्पिक जमीन दी। वही किसानों की तरफ से साफ कहा गया है कि अगर सरकार की तरफ से कोई उचित मदद मुहैया नहीं कराई गई तो वह विरोध कर सकते हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि किसान आगामी विधानसभा चुनाव का भी बहिष्कार कर सकते हैं। वही दूसरी तरफ बीजेपी के लिए किसानों से जुड़ी हुई अब एक और मुसीबत खड़ी हो गई है।