गुजरात विधानसभा चुनाव को लेकर इन दिनों सियासी घमासान मचा हुआ है। शनिवार को बीजेपी राज्य इकाई की कोर कमिटी की एक बैठक होने वाली है। यह बैठक गांधीनगर में होगी जिसमें विधानसभा चुनाव को लेकर उम्मीदवारों पर चर्चा होनी है। इस बैठक में पार्टी के सभी पर्यवेक्षक शामिल होंगे। जानकारी है कि पार्टी की तरफ से सभी जिलों से तीन पर्यवेक्षकों की नियुक्ती की है।
बैठक के बाद सभी उम्मीदवारों के नाम तय किए जाएंगे। जिसके बाद इस लिस्ट को दिल्ली भेजा जाएगा, पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह इस पर मंथन करेंगे। जिसके बाद आखिरी सूची तैयार की जाएगी। वही दूसरी तरफ चुनाव आयोग की दोनों राज्यों के चुनावों को एक साथ ना कराए जाने पर आलोचना की जा रही है। लेकिन इस सब के बाद चुनाव आयोग की तरफ से भी बयान सामने आया है। जिसमें कहा गया है कि जो फैसला लिया गया है आयोग की उसी के साथ जाना होगा। चुनाव आयुक्त ओपी रावत की तरफ से कहा गया है कि गुजरात चुनाव की तारीखों का ऐलान किसी भी तरह की अव्यवस्था से बचने के लिए नहीं किया गया है।
ओपी रावत ने कहा कि अभी अन्य विकल्प पर विचार करने का वक्त नहीं है। समय नहीं है इसलिए दूसरे विकल्पों पर विचार नहीं किया जाएगा। हालांकि चुनाव आयोग की तरफ से पूर्व वित्तमंत्री की ट्वीट पर कोई भी टिप्पणी सामने नहीं आई। पी. चिदंबरम ने ट्वीट किया था कि गुजरात सरकार की मुफ्त घोषणाओं के बाद चुनाव आयोग अपनी विस्तारित छुट्टी से लौटेगा। आपको बता दें कि हिमाचल और गुजरात चुनाव को एक साथ ना कराए जाने को लेकर चुनाव आयोग की आलोचनाएं की जा रही थी जिस सब को लेकर चुनाव आयोग की तरफ से यह बयान आया है।