नई दिल्ली। उपभोक्ताओं को उन सभी सेवाओं पर जीएसटी प्रभावित कर देना होगा जिसका उपयोग तो उन्होंने जून में किया था, किंतु उसका भुगतान अब वें जुलाई में करने जा रहें है। इसमें क्रेडिट कार्ड से भुगतान, टेलीफोन बिल समेत अन्य सभी सेवायें सम्मिलित हैं। जीएसटी के प्रभावी होने के बाद सेवा कर, एक्साइज, वैट समेत 17 टैक्सों के हटा दिया गया, और सभी वस्तुओं को 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत के स्लैब में विभाजित कर दिया गया। 1 जुलाई 2017 से माल और सेवा कर(जीएसटी) प्रभावी होने के बाद अधिकतर सेवाओं पर 18 प्रतिशत का टैक्स लगता है। जीएसटी के पहले ज्यादातर सेवाओं में यह 15 प्रतिशत था।
सूत्रों के मुताबिक उन सभी सेवाओं पर 18 प्रतिशत की दर से कर प्रभावी होगा जिन्हें भले ही आपने जून में लिया हो किंतु यदि उसका भुगतान आप जुलाई में कर रहें हैं तो उस पर जीएसटी प्रभावी होगा। उदाहरण के तौर पर मान लिजिए यदि आपके टेलीफोन के उपयोग की अवधि हर माह के 1 तारीख से लेकर 30 तारीख तक है। लेकिन उसका बिल आपको हर माह के 5 तारीख पर मिलता है और यह भुगतान अग्रिम भुगतान नहीं है, तो आपको इस बिल पर जीएसटी के हिसाब से ही टैक्स देना होगा, क्योंकि कानूनन सेवा प्राप्त करने की तारीख वही होती है जिस तारीख पर संबंधित सेवा का बिल निर्गित होता है। मौजुदा नियमों के अनुसार सेवा कर उस दिन के हिसाब से लिया जाता है जिस दिन सेवा का बिल निर्गित हो अथवा उस बिल का भुगतान हो, दोनो में से जो पहले हो। सेवा प्राप्त करने के तीस दिनों के भीतर उसका बिल निर्गित करना अनिवार्य है।