नई दिल्ली। वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) एक जुलाई लागू होने जा रहा है। लेकिन पहले दो महीने तक कर रिर्टन को दाखिल करने के नियमों में थोड़ी ढील देने का फैसला किया गया हैं ताकि व्यापारियों को नयी प्रणाली को अपनाने में प्रारंभिक दिक्कतों से निबटने में सहूलियत हो सके। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने जीएसटी को लागू करने के कार्यक्रम को कुछ और समय टालने की व्यापार जगत की मांग को नामंजूर करते हुए कहा कि अब इसके लिए सरकार के पास गुजाइंश नही बची हैं।
गौरतलब हैं कि उद्योग लॉबी सीआईआई ने रविवार को कहा कि उद्योग जगत इस नई कर व्यवस्था के लिए तैयार है।
भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने यहां एक बयान में कहा, एक सहयोगी और सलाहकार पूर्ण रवैया अपनाते हुए जीएसटी को अंतिम रूप दिया गया है और हम इसके रोलआउट के लिए तैयार हैं|
उन्होंने कहा, ‘‘जीएसटी स्वतंत्रता के बाद से देश में सबसे महत्वपूर्ण अप्रत्यक्ष कर सुधार है। जीएसटी वस्तुओं और सेवाओं पर मौजूदा असंख्य केन्द्रीय और राज्य लेवी का स्थान ले लेगा।’’
सीआईआई ने कहा कि नई व्यवस्था के अनुरुप उद्यमों को सक्षम बनाने के लिए पूरे देश में 100 से अधिक कार्यशालाओं का आयोजन किया जा रहा है। कार्यशालाओं से लगभग 5 हजार उद्यमों तक पहुंच बनने की संभावना है। इसके अलावा स्पष्टीकरण के लिए एक हेल्पलाइन स्थापित की गई है।
जीएसटी से संबंधित प्रक्रियाओं के बारे में उद्योग को सूचित करने के लिए एक जागरूकता अभियान भी शुरू किया गया है।