जीएसटी को लेकर जनता जहां परेशान है वहीं सरकार भी इस मामले में जनता की सहूलियतों को लेकर नई योजनाओं और समय सीमाओं को बढ़ाने के काम में लगी हुई है। अभी देश में बड़े पैमाने पर जीएसटी लागू होने के पहले का स्टाक दुकानदारों के पास है। जिसको लेकर छोटे व्यापारी से बड़े व्यापारी तक सरकार से गुहार लगा रहे हैं। क्योंकि पुराने स्टाक पर एमआरपी बदलने की तारीख खत्म होने वाली है। इसको लेकर अब सरकार ने इन व्यापारियों को बड़ी राहत देते हुए इसकी समय सीमा को 31 दिसंबर तक के लिए बढ़ा दिया है। अब इसके बाद पुराने स्टाक पर एमआरपी लेबल बढ़ाने की आखिरी तारीख 30 सितंबर से बढ़कर 31 दिसंबर तक हो गई है।
इसके पहले सरकार ने छोटे व्यापारियों के लिए भी जीएसटी रिटर्न फाइलिंग में हो रही परेशानी को खत्म करने की कवायद शुरूकर दी है। हाल में हुई जीएसटी काउंसिल की बैठक के बाद वित्तमंत्रालय इस मामले पर काम कर रहा है। इसके तहत सरकार अब छोटे व्यापारियों को 3 महीने में एक बार ही रिटर्न फाइलिंग करनी होगी। हांलाकि इस योजना को लेकर वित्त मंत्रालय ने अभी कुछ खुलासा नहीं किया है। इसके साथ ही इस योजना को लेकर अन्दरखाने में बैठक और चर्चाएं हो रही है।
सरकार इस तरह की सहूलियतों के लिए पहले वित्तमंत्रालय में बातचीत विचार विमर्श कर लॉ कमेटी के पास भेजती है। इसके बाद इसे जीएसटी काउंसिल के पास भेजा जाता है। जहां पर वित्तमंत्री अरूण जेटली के साथ सभी राज्यों के वित्तमंत्री सदस्य होते हैं । इनके बीच इस तरह के किसी प्रस्ताव को रखा जाता है। सभी की सहमति के बाद इसे पारित कर जीएसटी में संसोधित किया जाता है। जीएसटी के लागू होने के बाद छोटे-बड़े कई व्यापारियों को रिटर्न से लेकर पुराने माल की खपत तक कई समस्याओं का समाना करना पड़ रहा है। लेकिन सरकार इन समस्यों को लेकर संजीदा है और इसमें संसोधन ला रही है।