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जीएसटी से सरकार ने 2017-18 के दौरान 7.41 लाख करोड़ रुपए जुटाए हैं

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नई दिल्ली। एक देश एक कर’ की तर्ज पर एक जुलाई 2017 से लागू माल एवं सेवा कर (जी.एस.टी.) से सरकार ने 2017-18 के दौरान 7.41 लाख करोड़ रुपए जुटाए हैं। वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार इसकी जानकारी दी। उल्लेखनीय है कि केंद्र और राज्यों के क्रमश: उत्पाद शुल्क एवं वैट सहित बहुत से कर जी.एस.टी. में समा गए हैं। वित्त मंत्रालय ने ट्वीट में कहा, ‘जी.एस.टी. से 2017-18 की अगस्त-मार्च अवधि में कुल कर संग्रह 7.19 लाख करोड़ रुपए रहा। जुलाई 2017 के कर संग्रह को शामिल करने पर 2017-18 में कुल जी.एस.टी. संग्रह अस्थायी तौर पर 7.41 लाख करोड़ रुपए रहा।

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89,885 करोड़ रुपए मिला GST

इसमें केंद्रीय जी.एस.टी. (सीजीएसटी) से प्राप्त 1.19 लाख करोड़ रुपए, राज्य जी.एस.टी. (एसजीएसटी) से मिले 1.72 लाख करोड़ रुपए, एकीकृत जी.एस.टी. (आईजीएसटी) के 3.66 लाख करोड़ रुपए (जिसमें आयात से 1.73 लाख करोड़ रुपए भी शामिल) और उपकर से प्राप्त 62,021 करोड़ रुपए (जिसमें आयात पर उपकर के 5,702 करोड़ रुपए) शामिल हैं। अगस्त-मार्च अवधि के दौरान औसत मासिक जी.एस.टी. संग्रह 89,885 करोड़ रुपए रहा।

केंद्र करेगी राजस्व में गिरावट की भरपाई

2017-18 के 8 महीनों में राज्यों को क्षतिपूर्ति के रूप में कुल 41,147 करोड़ रुपए दिए गए हैं। जी.एस.टी. कानून के तहत इस नई कर व्यवस्था के कारण 5 साल तक राज्यों के राजस्व में गिरावट की भरपाई केंद्र करेगी। इसके लिए विलासिता और अहितकर उपभोक्ता वस्तुओं पर विशेष उपकर लागू किया गया है। राजस्व हानि की गणना के लिए 2015-16 की कर आय को आधार बनाते हुए उसमें सालना औसत 14 प्रतिशत की वृद्धि को सामान्य संग्रह माना गया है। मंत्रालय के मुताबिक, पिछले 8 महीने में प्रत्येक राज्य के राजस्व में कम घटी है और यह औसतन 17 प्रतिशत रही है।

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