लखनऊ: गांव और शहरों से आने वाली सब्जियों के दाम में तेजी से बढ़ोत्तरी हुई है । ताऊ-ते और यास तुफान के कारण बेमौसम बारिश की वजह से हरी सब्जियों के दाम आसमान छूने लगे है। इससे महिलाओं के किचन का बजट भी गड़बड़ा चुका है। हालांकि, मुनाफाखोरी करने वाले लोग भी सक्रिय हो चुके हैं। मंडी में सब्जियों की कम आवक बोलकर विक्रेता ग्राहकों से ज्यादा दाम वसूल कर रहे हैं। जबकि कॉलोनियों में घूम-घूम कर सब्जियों की फेरी लगाने वाले लोग भी मनमाने दाम पर सब्जियां बेच रहे हैं। मई से जून तक तकरीबन 60 फीसदी सब्जियां महंगी हो चुकी है। इस महंगाई की मार में आम जनता भी परेशान है। दरअसल, नवीन दुबग्गा सब्जी मंडी के आढतिए बताते हैं कि सब्जियों के दाम बढ़ने का मुख्य कारण बे-मौसम बारिश है। राजधानी में महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल, आंध्रप्रदेश, तमिलनाडु, एमपी और बिहार से ट्रकों के जरिए सब्जियों की खेप आती है। ताऊ-ते और यास तुफान की वजह से बेमौसम बारिश ने इन प्रदेशों की फसल खराब कर दी है। जिस वजह से थोक सब्जीमंडी में इनकी आवक कम हो चुकी है। तो वहीं आस-पास क्षेत्रों से यह सब्जियां आ रही है। जो पूर्ति करना नाकाफी है।
बारिश बनी मुसीबत
यूपी में मानसून से बेमौसम बारिश ने किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। खेतों में पानी भर जाने से तमाम सब्जियां खराब हो चुकी हैं। अलाम यह है कि बडी मंडियों में बाहरी सब्जियों की आवक कम है। लिहाजा सब्जियां दिन-पर-दिन महंगी होती जा रही है। वहीं फुटकर विक्रेता थोक सब्जीमंडी में सब्जी खरीदने जाते है। तो वह अपने आने-जाने का किराया और मुनाफा जोड़कर ब्रिकी करते हैं।
नवीन दुबग्गा मंडी के बाहर सब्जी मंडी के दाम
सब्जी अप्रैल मई जून
टमाटर 40 60 80
भिंडी 10 15 30
शिमला मिर्च 60 80 100
परवल 40 60 80
लहसुन 100 120 140
प्याज 12 15 30
अरबी 30 40 60
आलू 15 20 30
हरी मिर्च 40 60 80
अदरक 80 100 140
खीरा 20 30 40
तरोई 10 15 30
पालक 20 20 40
करेला 20 30 40
बैगन 15 20 40
सब्जी व्रिकेताओं की सुनें
दुबग्गा सब्जीमंडी के सब्जी विक्रेता सुखराम ने कहा कि हम ज्यादा दाम नहीं वसूलते है। जो मंडी का फुटकर भाव है, उसकी भाव में सब्जियां बेचते है। लेकिन मंडी में माल न आने के चलते पहले से कहीं ज्यादा सब्जियां के दाम बढ़ चुके हैं। कोल्ड स्टोरेजकर्मी लवलेश ने बताया कि कोल्ड स्टोरेज में रखा गया करीब 70 फीसदी आलू खराब हो चुका है । वहीं महाराष्ट्र में बारिश की वजह से टमाटर की पैदावार खराब हो गई।
बिगड़ने लगा बजट
लालकुआं की रहने वाली गृहणी विभा दुबे के मुताबिक, हरी सब्जियों के दाम में करीब दो से तीन गुना वृद्धि हुई है। जिससे किचन का बजट बिगड़ गया है। जहां पहले हरी सब्जी का इस्तेमाल करते थे, तो बजट बिगड़ने से हरी सब्जी का इस्तेमाल कम हो चुका है। मालवीय नगर अंजली ने बताया कि पहले घर में ज्यादा हरी सब्जी आती थी। आलू भी ज्यादा खरीदते थे। आलू-टमाटर के अलावा कई सब्जियों के दाम बढ़ चुके है। तो वहीं दुबग्गा मंडी के इंस्पेक्टर जंगबहादूर सिंह ने कहा कि इस वक्त टमाटर और आलू के दाम में बढ़ोत्तरी हुई है। कर्नाटक से टमाटर की खेप आती है। बारिश से हरी सब्जियों की जुड़ाइ नही हो पाई। आवक कम होने से हरी सब्जियों के दाम ज्यादा है।