छत्तीसगढ़ में राजभवन और सरकार के बीच विवाद गहराता जा रहा हैं। सरकार ने विशेष सत्र बुलाने की मांग करते हुए राज्यपाल अनुसुइया उइके के पास फाइल भेजी थी। जिसे राज्यपाल अनुसुइया उइके ने वापस लौटा दिया हैं। राज्यपाल अनुसुइया उइके ने कहा कि ऐसी कौन सी परिस्थिति आ गई कि विशेष सत्र बुलाया जाये। साथ ही कहा कि 58 दिन पहले ही सत्र बुलाया गया था।
राजभवन और सरकार के बीच गहराता टकराव
राज्य सरकार और राजभवन के बीच टकराव लगातार गहराता जा रहा हैं। बीते दिनों ही राज्यपाल अनुसुइया उइके ने गृह विभाग की समीक्षा बैठक बुलाई थी जिसे यह कहते हुए टाल दिया गया कि गृहमंत्री क्वारंटाइन हैं। लेकिन उसी दिन मुख्यमंत्री द्वारा बुलाई गई गृह विभाग की बैठक में गृहमंत्री शामिल हुए थे।
राज्यपाल के अपमान का कोई इरादा नहीं- ताम्रध्वज साहू
इसपर गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने बीते शनिवार को सफाई दी। अपने निवास कार्यालय में आयोजित पत्रकारवार्ता में ताम्रध्वजसाहू ने कहा कि राज्यपाल के अपमान का उनका कोई इरादा नहीं हैं।
क्वारंटाइन होने के चलते नहीं हुए शामिल- ताम्रध्वज साहू
गृहमंत्री ने कहा राज्यपाल की ओर से पत्र मिलने के तत्काल बाद राजभवन में बैठक की तारीख तय की गई। वे संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए थे, इसलिए बैठक में नहीं जाने का निर्णय लिया गया। साथ ही कहा कि इसे किसी विवाद, टकराव या अवमानना से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए।
टकराव की बात को किया ख़ारिज
उन्होंने कहा, अगर विवाद, टकराव या अवमानना की कोई बात होती तो राज्यपाल के पत्र के बाद बैठक की तारीख तय ही नहीं की जाती। इसके अलावा संसदीय कार्यमंत्री रविंद्र चौबे ने भी सरकार और राजभवन के बीच विवाद या टकराव की बात को ख़ारिज किया हैं।
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