भोपाल। राज्यपाल लालजी टंडन ने शुक्रवार को राजभवन में कुलपतियों की बैठक ली। बैठक के दौरान अकादमिक कैलेंडर सहित अन्य गतिविधियों और योजनाओं की समीक्षा की गई। राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालयों को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रभावी प्रयास करने चाहिए। प्रत्येक विश्वविद्यालय कम से कम 100 करोड़ रुपये का योगदान करके एक विशेष कोष बना सकता है। इस कोष की राशि का उपयोग विश्वविद्यालय के विकास के लिए किया जा सकता है।
टंडन ने निर्देश दिया कि प्रत्येक विश्वविद्यालय में एक साइन बोर्ड तैयार किया जाना चाहिए, जिसमें विश्वविद्यालय के इतिहास और संस्थापक का उल्लेख आवश्यक रूप से होना चाहिए। राज्यपाल ने कहा कि पूरे देश में स्वच्छता अभियान चलाया गया है। सभी विश्वविद्यालयों को छात्रों की मदद और जनता की भागीदारी के साथ उनसे जुड़े कॉलेजों में अभियान चलाना चाहिए। उन्होंने कहा कि छात्र पढ़ाई के बाद अपना उद्यम शुरू कर सकते हैं जिसके लिए विश्वविद्यालयों को रोजगारोन्मुखी पाठ्यक्रमों पर विशेष ध्यान देना होगा।
राज्यपाल ने महात्मा गांधी और विश्वविद्यालयों के अन्य महापुरुषों के नाम पर शुरू की गई बेंचों में किए जा रहे शोध कार्यों के बारे में जानकारी मांगी। उन्होंने कहा कि नए विषयों पर शोध के माध्यम से व्यापक सामाजिक परिवर्तन लाया जा सकता है। विश्वविद्यालयों को महात्मा गांधी की स्वदेशी अर्थव्यवस्था पर काम करना चाहिए। राज्यपाल ने कहा कि राज्य के विश्वविद्यालय गुणात्मक सुधार के माध्यम से देश में विश्वविद्यालयों की रैंकिंग में उच्च स्थान प्राप्त कर सकते हैं।
इसके लिए यह आवश्यक है कि विश्वविद्यालयों को निर्धारित समय के भीतर अकादमिक कैलेंडर का कार्यान्वयन सुनिश्चित करना चाहिए। राज्यपाल ने विश्वविद्यालयों में पुस्तकालयों, प्रयोगशालाओं, सौर प्रणाली, वर्षा जल संचयन और अपशिष्ट प्रबंधन के समुचित कार्य की भी समीक्षा की।