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राज्यपाल को हवाई सेवा देने से महाराष्ट्र सरकार का इनकार , कहा कि अपने व्यक्तिगत खर्चे पर ही करे यात्रा

B S koshyari राज्यपाल को हवाई सेवा देने से महाराष्ट्र सरकार का इनकार , कहा कि अपने व्यक्तिगत खर्चे पर ही करे यात्रा

महाराष्ट्र – महाराष्ट्र के राज्यपाल बीएस कोश्यारी और उद्धव ठाकरे सरकार के बीच सियासी सरगर्मी ज़ोरो पर है। बताया जा रहा है कि उत्तराखंड के मसूरी जा रहे राज्यपाल बीएस कोश्यारी को हवाई सेवा देने से इंकार कर दिया गया है। वहां उन्हें लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी के एक समारोह में हिस्सा लेना था। जैसे ही वह विमान में बैठे तो उन्हें यह कहकर मना कर दिया गया कि हवाई जहाज़ को उड़ान भरने की अनुमति नहीं है। इसके बाद राज्यपाल जहाज़ से उतर गए और एक निजी जहाज़ से समारोह में हिस्सा लेने हेतु रवाना हुए।

मामले पर क्या बोले महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजीत पवार –
इस मामले में जब महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजीत पवार से बात की गई, तो उन्होंने कहा कि इस मामले की मुझे कोई जानकारी नहीं है। मैं अभी मंत्रालय जा रहा हूं। वह से कुछ जानकारी मिलेगी तब ही में कुछ कह पाउँगा। बता दें कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और राज्यपाल बीएस कोश्यारी के बीच पिछले वर्ष से विवाद चल रहा है। दरअसल राज्यपाल ने अपने पत्र में सीएम उद्धव ठाकरे से राज्य के धार्मिक स्थलों को फिर से खोलने का अनुरोध किया था। पत्र का जवाब देते हुए सीएम ठाकरे ने कहा था कि मुझे अपने हिंदुत्व के बारे में आपसे प्रमाण पत्र की आवश्यकता नहीं है।

शिवसेना के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत के इस मामले पर विचार –
वहीं शिवसेना के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने इस मामले में कहा कि मुख्यमंत्री समेत पूरी महाराष्ट्र सरकार राज्यपाल का सम्मान करती है।मुझे जहाँ तक इस मामले की जानकारी है तो बता दू कि महाराष्ट्र के राज्यपाल बीएस कोश्यारी उत्तराखंड के मसूरी में एक समारोह में हिस्सा लेने जा रहे थे। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि किसी संवैधानिक पद पर बैठकर व्यक्तिगत यात्रा पर सरकारी प्लेन का प्रयोग नहीं कर सकते हैं। अगर उन्हें उस समारोह में हिस्सा लेने या किसी निजी यात्रा पर जाना है तो वो अपने खर्चे पर ही यात्रा करे। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि उत्तराखंड में आयी आपदा को लेकर हमे भी दुःख है। महाराष्ट्र सरकार भी राहत बचाओ कार्यो को लेकर हर मुमकिन कोशिश कर रही है। वही उन्होंने ये भी कहा कि राज्यपाल के पास पिछले एक साल से कैबिनेट ने 12 नॉमिनेट विधान परिषद के सदस्यों के नाम भेजे हुए हैं ,उस फाइल पर साइन नहीं किये गये हैं। राज्यपाल कैबिनेट के द्वारा पास किये हुए फैसले को कब तक रोक सकते हैं।

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