देहरादून। राज्यपाल श्रीमती बेबी रानी मौर्य ने प्रदेशवासियों को उत्तराखण्ड के लोकपर्व इगास की बधाई एवं शुभकामनाएँ दी हैं। राज्यपाल श्रीमती मौर्य ने कामना की है कि इगास का पर्व सभी प्रदेशवासियों के जीवन में सुख, समृद्धि व खुशहाली लाए। इगास उत्तराखण्ड की लोक संस्कृति व परम्पराओं का प्रतीक है। यह पर्व हमारे पूर्वजों की धरोहर व पर्वतीय संस्कृति की विरासत है। राज्यपाल श्रीमती मौर्य ने कहा कि हमें अपने लोकपर्वाे व संस्कृति को संरक्षित रखने की आवश्यकता है। विशेषकर राज्य के युवावर्ग को इस दिशा में आगे आना चाहिये।
जानें क्या है इगास पर्व—
बता दें कि 25 नवंबर को उत्तराखंड में इगास पर्व मनाया जाएगा। इस मौके पर सभी नेता प्रदेशवासियों को पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं देने में लगे हुए हैं। मान्यता है कि अमावस्या के दिन लक्ष्मी जागृत होती हैं, इसलिए बग्वाल को लक्ष्मी पूजन किया जाता है। जबकि, हरिबोधनी एकादशी यानी इगास पर्व पर श्रीहरि शयनावस्था से जागृत होते हैं। सो, इस दिन विष्णु की पूजा का विधान है। देखा जाए तो उत्तराखंड में कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी से ही दीप पर्व शुरू हो जाता है, जो कि कार्तिक शुक्ल एकादशी यानी हरिबोधनी एकादशी तक चलता है। इसे ही इगास-बग्वाल कहा जाता है। इन दोनों दिनों में सुबह से लेकर दोपहर तक गोवंश की पूजा की जाती है।
सांसद अनिल बलूनी ने भी शुभकामनाएं दी-
इसी मौके पर राज्यपाल श्रीमती बेबी रानी मौर्य ने प्रदेशवासियों को उत्तराखण्ड के लोकपर्व इगास की बधाई एवं शुभकामनाएँ दी हैं। इसी के साथ-साथ राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी ने भी लोगों को इगास पर्व की शुभकामनाएं दी। इसके साथ ही उन्होंने लोगों से इस पर्व को अपने घरों में ही मनाने की अपील की।