लखनऊ। केंद्र और प्रदेश सरकार का जिस तरह सौर ऊर्जा पर ध्यान दे रही है, उससे आने वाले दिनों में सोलर एनर्जी से शहर और गांव जगमगाने लगेंगे । वहीं इनसे जुड़ी मशीनरी के रखरखाव के लिए बड़े पैमाने पर युवाओं को रोजगार भी मुहैया होगा। सोलर पंप से होने वाली सिंचाई के चलते डीजल का उपयोग खत्म होगा,जिससे पर्यावरण प्रदूषण में कमी आयेगी।
इतना ही सौर ऊर्जा से चलने वाले नलकूपों गर्मी के समय अधिक पानी देते हैं। इसी मौसम में पानी की सर्वाधिक जरूरत भी होती है। इसके लिए सरकार ने प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा उत्थान महाभियान योजना के तहत पीएम कुसुम योजना की शुरूआत की है।
पीएम कुसुम योजना के तहत किसान बंजर या अनुपयोगी भूमि पर पांच से दो मेगावाट तक के सोलर पॉवर प्लांट लगा सकते हैं। इसके अलावा 2022 तक 30 हजार निजी नलकूपों को सौर ऊर्जा से संचालित किया जाना है। जिससे नलकूपों से सिंचाई तो होगी ही साथ ही संबन्धित किसान अतिरिक्त बिजली उप्र पावर कारपोरेशन को तय दाम पर बेच भी सकेंगे हैं।
इतना मिलता है अनुदान
बताया जा रहा है कि इन सभी योजनाओं पर केंद्र और राज्य सरकार की ओर से सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए भारी अनुदान भी दिया जाता है। एक युनिट सोलर स्ट्रीट लाइट पर 7100 रुपये का अनुदान मिलता है। सोलर रूफटॉप प्लांट के लिए निजी और घरेलू उपभोक्ताओं के लिए प्रति किलोवाट के अनुसार प्रदेश और केंद्र सरकार की ओर से अनुदान दिया जाता है। एक किलोवाट पर सरकारी अनुदान 38 हजार रुपये है। 10 किलोवाट पर यह अनुदान 1,28,800 रुपये बताया जा रहा है।