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उत्तराखंड में गंभीर किस्म के अपराधों के मामलों में गवाहों को सरकार देगी सुरक्षा

सीएम रावत 12 उत्तराखंड में गंभीर किस्म के अपराधों के मामलों में गवाहों को सरकार देगी सुरक्षा

नई दिल्ली। उत्तराखंड में गंभीर किस्म के अपराधों के मामलों में गवाहों को सरकार सुरक्षा देगी। शुक्रवार को हुई कैबिनेट की बैठक में उत्तराखंड साक्षी संरक्षण अधिनियम 2020 को मंजूरी का प्रस्ताव पास किया गया। शुक्रवार को मंत्रिमंडल की बैठक में 14 प्रस्तावों को मंजूरी मिली। प्रदेश में गंभीर किस्म के अपराधों में कई बार गवाहों की जान को खतरा बना रहता है। गवाहों के प्रार्थना पत्र पर हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट से सरकार को उन्हें गनर की सुरक्षा दिए जाने का आदेश दिए जाते हैं। इसे देखते हुए सरकार ने अब उत्तराखंड साक्षी संरक्षण अधिनियम 2020 को मंजूरी दी है। इसके तहत गवाहों के परिवार की परिभाषा को तय किया जाएगा।

इसके अलावा इस तरह के अपराधों के मामले में कोर्ट में बंद कमरे में सुनवाई होगी। कोई गवाह सुरक्षा के लिहाज से फोन नंबर बदलने के लिए कह सकता है। सरकार की ओर से किन मामलों में सुरक्षा दी जाएगी। इसके लिए अपराध भी तय किया गया है। भारतीय दंड संहिता की धारा 354 क, 354 ख, 354 ग और 509 के अपराध में गवाह को सुरक्षा दी जाएगी। यदि कोई किसी को जान से मारने की धमकी दे रहा है या फिर कोई बड़ा अपराध नहीं है उस मामले में इस तरह की सुरक्षा नहीं दी जाएगी।

मंत्रिमंडल के फैसले:

– झाजरा में निर्माणाधीन साइंस सिटी में सलाहकार होंगे जीएस रौतेला। तीन साल के लिए होगी नियुक्ति। राष्ट्रीय विज्ञान सलाहकार परिषद के पूर्व निदेशक हैं रौतेला।

– राष्ट्रीय कृषि उपज पशुधन संविदा खेती व सेवा अधिनियम को लागू करने को मंज़ूरी। अधिनियम के तहत खेती को अनुबंध पर दिया जा सकेगा।

– उत्तराखंड कृषि उत्पादन मंडी अधिनियम 2011 के स्थान पर कृषि मंडी धन उपज विपणन पशुधन अधिनियम को मंज़ूरी।

– एसडीआरएफ  में प्रतिनियुक्ति 5 से बढ़ाकर 7 वर्ष की। 

– मेगा इंडस्ट्री इन्वेस्टमेंट पॉलिसी 2011 में संशोधन। नेगेटिव इंडस्ट्री को छूट नहीं मिलेगी। नेगेटिव इंडस्ट्री में प्लास्टिक, पान मसाला, पेट्रोलियम पदार्थ, सीमेंट, स्टील आदि शामिल। अन्य को 400 करोड़ के निवेश पर 30 प्रतिशत की छूट।

– मेगा टैक्स टाइल इंडस्ट्री में सुपर अल्ट्रा इंडस्ट्रीज को चार सौ करोड़ के निवेश पर सिडकुल की भूमि खरीद, स्टांप शुल्क, बिजली दरों में छूट रहेगी।

– लोक निर्माण विभाग के तहत 3 मीटर तक चौड़ी सड़कों का विधायक निधि से हो सकेगा निर्माण।

– आदिबदरी में एक हेक्टेयर भूमि भारतीय पुरातत्व विभाग को निशुल्क दी।

– कब्रिस्तान की चारदिवारी के निर्माण के लिए एक वर्ष ओर बढ़ाया गया।

– उत्तराखंड साक्षी अधिनियम 2020 के तहत कोर्ट में गवाह को मिल सकेगी सुरक्षा।

ग्राम, क्षेत्र और जिला पंचायत को किया जाएगा परिभाषित 

कैबिनेट बैठक में पंचायतीराज एक्ट 2016 के संशोधन प्रस्ताव पर मुहर लगी। बैठक में निर्णय लिया गया कि एक्ट में अब ग्राम, क्षेत्र और जिला पंचायत को परिभाषित किया जाएगा।

पंचायतीराज एक्ट में सामान्य तौर पर पंचायत लिखा है। इससे कई बार कोर्ट के मसलों पर सरकार को उस दौरान असहज स्थिति का सामना करना पड़ रहा था। जब कोर्ट की ओर से यह स्पष्ट किए जाने को कहा जा रहा था कि पंचायत कौन सी पंचायत है। वे ग्राम पंचायत है, क्षेत्र पंचायत है या जिला पंचायत। लेकिन अब इसकी धारा 2 खंड (16) में संशोधन किया गया है।

अब अधिसूचना जारी होते ही खत्म होंगी ग्राम पंचायतें 

नगर निगम और नगर पंचायतों में शामिल होने वाली ग्राम पंचायतें अब अधिसूचना जारी होते ही समाप्त हो जाएंगी। कई बार ऐसा हुआ है कि जिन ग्राम पंचायतों को नगर निगम और पालिका में शामिल किया गया। उनके मसले पहले ग्राम पंचायत से सीडीओ, सीडीओ से डीएम के पास जाते थे।

डीएम अधिसूचना जारी करते थे। इस दौरान कई बार पंचायत की भूमि पर अवैध कब्जों की समस्या सामने आ रही थी। यही वजह है कि अब यह फैसला लिया गया है कि अधिसूचना जारी होने के साथ ही ग्राम पंचायत का क्षेत्र समाप्त हो जाएगा।

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