देहरादून। सुक्ष्म लघु और माध्यम उद्दम विकास संस्थान, हलद्वानी, भारत सरकार इण्डट्रीज एसोसिएशन ऑफ उत्तरखंड और उत्तरखंड सरकार के संयुक्त रूप से गुरूवार को प्रदेश सरकार के एमएसएमई पखवाडे के तत्वाधान में एक राज्य स्तरीय विक्रेता विकास कार्यक्रम का आयोजन पावर ट्रासमिषन कारपोरेषन ऑफ उत्तराखंड लि. के सभागार में किया। इण्डस्ट्रीज एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड के अध्यक्ष श्री पंकज गुप्ता जी ने कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी से अवगत करवाते हुए बताया कि सुक्ष्म लघु और मध्यम उद्दम विकास संस्थान, भारत सरकार और उत्तराखंड सरकार के MSME पखवाड़े के तत्वाधान में इण्डट्रीज एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड ने यह कार्यक्रम प्रदेश के विभिन्न ऊर्जा विभागों के साथ मिलकर राज्य स्तरीय विक्रेता विकास कार्यक्रम का आयोजन किया है।

बता दें कि गुप्ता जी ने बताया कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य प्रदेश सरकार की विभिन्न इकाइयां जिनमें उत्तराखंड जल विद्दुत निगम, उत्तराखंड ऊर्जा निगम , पावर ट्रामिशन कारपोरेशन ऑफ उत्तराखंड लघु उद्दोगो के लिए क्रय वरीयता की जो नीति है। इसके उद्देश्य और उसके बारे में जानकारी और जो माल क्रय करते हैं उसमें स्थानीय उद्दोगो से क्रय को बढ़ावा देने का है। जब प्रदेश सरकार की इकाइयां अपने यहां खपत होने वाले उत्पादों की जानकारी उद्दमियों और प्रस्तावित उद्दोमियो को उपलब्ध करवाये तो इससे राज्य को बढ़ावा मिलेगा। इन सभी और माध्यम उद्दम रूबरू हुए।
वहीं कार्यक्रम में मुख्य अतिथि प्रमुख सचिव MSME मनीष पवार ने अपने सम्बोधन में कहा कि राज्य में क्रय वरीयता नीति के अर्न्तगत सभी उर्जा, निगमों को प्रदेश की सुक्ष्म और लघु उद्दोगों को वरीयता दी जाए। जिससे यहां पर बढ़ावा मिल सके। इसके साथ ही रोजगार के अवसर भी सृजित हो सके उन्होंने वरीयता देने में आ रही दिक्कतों को सरकार से जल्द ही दूर करने की बात कही। उन्होंने कहा कि विभागों का दायित्व बनता है कि स्थानीय उद्दोगो को क्रय वरीयता तुरंत सुनिश्चित करवाने का कष्ट करें। कार्यशाला में कौषल्या बन्धु अपर निदेशक, उद्दोग बी सी के मिश्रा, प्रबंध निदेशक, उत्तराखंड उर्जा निगम संजय मित्तल, निदेशक पिटकुल, आशीश कुमार, निदेशक- पिटकुल ए के त्यागी उरेडा, बिग्रे टी एस हसनवालिया, एस सी मित्तल, मुकेश गुप्ता, अनिल जैन, प्रदीप अग्रवाल, अनिल गुप्ता, जे एस बिष्ट दिनेश मुदगल, अनविंद मित्तल, संजय गुप्ता के अलावा विभिन्न औद्दोगिक स्थानों से आए उद्दोमी और संस्थानों से आए प्रतिनिधि शामिल थे।