नई दिल्ली। किसान आंदोलन के 44वें दिन फिर एक बार सकारात्मक नतीजों की उम्मीद के साथ सरकार और किसान नेताओं के बीच बातचीत का दौर शुरु हो गया है। बातचीत से पहले कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और रेल मंत्री पीयूष गोयल केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के घर बातचीत के लिए गए थे।
आपको बता दें कि पिछली कई वार्ताओं में कोई नतीजा नहीं निकला। चार जनवरी को हुई पिछली बैठक भी बेनतीजा खत्म हो गई। उसके बाद गुरुवार को किसानों ने टैक्टर मार्च निकालकर शक्ति प्रर्दशन किया। भाकियू के अध्यक्ष राकेश टिकैत तो 2024 तक आंदोलन जारी रखने की बात कह चुके हैं। उन्होंने कहा था कि अगर मांगे नहीं मानी गईं तो हम मई 2024 तक आंदोलन जारी रखने को तैयार हैं।
किसानों की टैक्टर रैली के बाद शुक्रवार की यह पहली बैठक है किसान और सरकार के बीच हो रही बैठक से सकारात्मक नतीजों की उम्मीद की जा रही थी लेकिन अब बैठक चल रही है और बैठक से खबर आ रही है कि किसान कानून रद्द करने की मांग पर अड़ गए हैं।
बातचीत में दोनों अपने-अपने रूख पर अड़े-
किसानों और सरकार के बीच एक और दौर की बातचीत जारी है। कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर और रेल मंत्री पीयूष गोयल किसान नेताओं के साथ वार्ता कर रहे हैं। इससे पहले इन दोनों मंत्रियों ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ उनके घर पर मीटिंग की। इस बैठक से पहले कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने सकारात्मक माहौल में बातचीत की उम्मीद जताई है। अब तक की बातचीत में दोनों अपने-अपने रूख पर अड़े हैं।
सरकार की दो टूक, नहीं होगा कानून वापस-
बैठक में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि कानून पूरे देश के लिए है न कि किसी राज्य के लिए। देश के किसान इन कानूनों को खूब समर्थन दे रहे हैं। कृषि मंत्री ने कहा कि किसान नेताओं को देश हित में आंदोलन को वापस लेना चाहिए। वहीं, किसानो़ं ने कहा कि वो कानून को वापस कराना चाहते हैं। इसके अलावा कुछ मंजूर नहीं। बैठक में सरकार ने ये भी साफ कर दिया कि वो कानून वापस नहीं लेगी। हालांकि खबर आ रही है कि सरकार ने कृषि कानून में संसाधन की बात कही है। सरकार का कहना है कि वह कानून में संसाधन के लिए तैयार है।