नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में भीड़ को काबू करने के चलते सेना लगातार पैलेट गन का इस्तेमाल करती आई है लेकिन आज देश की सबसे बड़ी अदालत ने केंद्र सरकार से कहा है कि वो भीड़ को काबू करने के लिए पैलेट गन की बजाय किसी अन्य प्रभावी माध्यम की तरफ गौर करें क्योंकि यहां बता जिंदगी और मौत से जुड़ी है।
वहीं इस पूरे मामले पर केंद्र सरकार ने पैलेट गन के इस्तेमाल का बचाव करते हुए कहा कि देश की संप्रभुता और अखंडता दांव पर है। जिसके चलते कोर्ट ने सरकार से कई सवाल पूछे है। कोर्ट ने पूछा है कि क्या किसी दूसरे तरीके का उपयोग कर दोनों पक्षों को लगने वाली चोटें कम की जा सकती हैं? जिसके चलते न्यायालय ने सरकार को समय दिया है तो वहीं केंद्र का इस पूरे मामले पर कहना है कि ये सुरक्षा से जुड़ा मामला है। हालांकि अब इस पूरे मामले की अगली सुनवाई 10 अप्रैल को होगी।
बता दें कि उरी आतंकी हमले के बाद जम्मू-कश्मीर में माहौल काफी खराब है और आए दिन सेना को भीड़ को काबू करने के लिए पैलेट गन का इस्तेमाल करना पड़ा। जिसके चलते एक लड़की ने पैलेट गन की फायरिंग में अपनी आंखें भी गवा दी थी जिसके बाद इस मुद्दे ने काफी तूल पकड़ा। जिसके बाद पैलेट गन के प्रयोग को लेकर अपनी चिंता जाहिर करते हुए केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने रोक लगाने की भी बात कही थी।