मुंबई। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को कहा कि सरकार आर्थिक विकास में मंदी से लड़ने के लिए सेक्टर-विशिष्ट समाधान दे रही है। हालांकि, इस पर एक विशिष्ट प्रश्न है कि क्या सरकार स्वीकार करती है कि देश आर्थिक मंदी के बीच है। जून तिमाही में भारत का जीडीपी विस्तार छह साल के निचले स्तर पांच फीसदी पर आ गया है।
इससे आरबीआई से अपेक्षाओं में गिरावट आई है, जिससे अब उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2015 में जीडीपी की वृद्धि दर घटकर 6.1 प्रतिशत पर आ जाएगी। सरकार ने राजस्व में भारी कटौती सहित कई उपायों को अंजाम दिया है, ताकि आर्थिक विकास को पुनर्जीवित किया जा सके, यहां तक कि राजस्व के त्याग की कीमत पर भी।
सीतारमण ने कहा कि निर्यात में सुधार के लिए अन्य उपायों पर ध्यान केंद्रित करना, ऋण में कमी करना, विक्रेताओं को शुरुआती चुकौती द्वारा अधिक पैसा उपलब्ध कराना और बैंकों के पुनर्पूंजीकरण के बारे में जानकारी देना, सीतारमण ने कहा कि सरकार क्षेत्र विशेष के उपायों पर काम कर रही है।