नई दिल्ली। दिल्ली में प्रदूषण का कहर इस तरह से है कि पूरा शहर धुंध के चादर से ढ़का हुआ है। केंद्र सरकार ने हालात की गंभीरता को इसे आपातकालीन बताया है। हालात इस कदर गंभर हैं कि लोगों का सांस लेना भी दूभर हा रही है। दिल्ली के पड़ोसी राज्यों में फसल के अवशेषों को जलाने से उत्पन्न धुएं को इसका कारण माना जा रहा है। इसके लिए सोमवार को यूपी, हरियाणा, और पंजाब के पर्यावरण मंत्रियों की मीटिंग भी बुलाई गई थी।
केजरीवाल ने बैठक में लिए अहम फैसले- मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के हालात को देखते हुए आपातकालीन मीटिंग बुलाई। इस मीटिंग में केजरीवाल सरकार ने कई बड़े फैसले लिए। मुख्य विंदु निम्न हैं-
- कल से 5 दिन तक निर्माण कार्य बंद
- बदरपुर प्लांट ले राख ले जाने पर रोक
- कल से सड़को पर होगा पानी का छिड़काव
- बहुत जरुरी हो तो ही लोग निकलें घरों से बाहर
- ऑड-इवन को फिर से किया जा सकता है लागू
- पत्तियों को जलाने पर कड़ी रोक
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में पर्यावरण के संकट पर कोई आरोप प्रत्यारोप का खेल नहीं होना चाहिए। मुख्यमंत्री ने राजधानी में जेनरेटर सेट्स के इस्तेमाल पर रोक की भी घोषणा की है। यहां आपको बता दें कि आज भी दिल्ली में प्रदूषण का भयावह मंजर देखा गया। सुबह 10 बजे तक दिल्ली के आरके पुरम में हवा की गुणवत्ता 999, इंदिरा गांधी एयरपोर्ट में 436, पंजाबी बाग में 999 और शांति पथ में 662 रिकॉर्ड की गई। प्रदूषण को लेकर जंतर मंतर पर आज प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि सांस लेना दूभर हो रहा है, लोगों की सेहत बिगड़ती जा रही है। दिल्ली में हमारे सांस लेने के अधिकार पर भी प्रश्नचिन्ह लग रहा है। इस पर जल्द ही कोई कदम नहीं उठाया गया तो यह भयावह रुप ले लेगा