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सरकार कृषि कानूनों पर खुले मन से विचार करने को तैयार- अमित शाह

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नई दिल्ली। कृषि कानून के विरोध में किसान आंदोलन को आज 30वां दिन है। किसान आंदोलन में हिस्सा लेने के लिए दूसरे राज्यों के किसान भी दिल्ली पहुंच रहे हैं। इसके साथ ही किसान कृषि कानून वापस लेने की मांग पर अड़े हुए हैं। वहीं दूसरी तरफ सरकार किसानों को कृषि कानून के मायने बताने के लिए आए दिन किसान पंचायत कर रही है। जिसके चलते किसानों को कृषि कानून के बारे में बताया जा सके। इसी बीच आज राष्ट्रीय राजधानी के किशनगढ़ गांव में लोगों को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि अगर किसान संगठन यह सोचते हैं कि नए कृषि कानूनों का कोई भी प्रावधान उनके हितों के खिलाफ है तो केंद्र सरकार इसपर चर्चा करने और खुले मन से विचार करने को तैयार है।

कोई कंपनी किसानों से उनकी जमीन नहीं छीन सकती है- अमित शाह

बता दें कि शाह ने कांग्रेस सहित विपक्ष पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) और कृषि कानूनों के अन्य प्रावधानों के बारे में भ्रम फैलाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ‘विपक्ष सरासर झूठ बोल रहा है। मैं फिर से दोहराता हूं कि एमएसपी जारी रहेगी और मंडियां कभी बंद नहीं होंगी। किसानों का कल्याण हमारी सरकार की प्राथमिकता है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज कहा है कि जब तक नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री हैं तब तक कोई कंपनी किसानों से उनकी जमीन नहीं छीन सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की व्यवस्था जारी रहेगी और मंडियां बंद नहीं होंगी। शाह ने कहा कि मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने 2014-19 के कार्यकाल में फसल पर डेढ़ गुना एमएसपी देने की वर्षों पुरानी मांग को लागू किया। गृह मंत्री ने किशनगढ़ गांव स्थित गोशाला में आयोजित किसान सम्मान निधि कार्यक्रम में शिरकत की और कई राज्यों के किसानों के साथ प्रधानमंत्री की वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से हुई बातचीत को सुना। कार्यक्रम में शाह के साथ भाजपा के कई नेता शामिल हुए।

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