नई दिल्ली। देशभर में 21 सरकारी और 9 पुराने निजी बैंकों के 10 लाख कर्मचारी बुधवार को हड़ताल पर रहेंगे। यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन की अपील पर ये हड़ताल की जा रही है। इसमें कर्मचारियों की 4 और अधिकारियों की 5 यूनियन शामिल हैं। नेशनल ऑर्गनाइजेशन ऑफ बैंक वर्कर्स के उपाध्यक्ष अश्विनी राणा के मुताबिक, पुराने निजी बैंक जो यूनियन से जुड़े हैं उनमें कामकाज नहीं होगा। इनमें फेडरल, कर्नाटका, करुर वैश्य, धनलक्ष्मी, लक्ष्मीविलास बैंक शामिल हैं। सरकारी बैंकों के मर्जर के विरोध में और वेतन बढ़ोतरी की मांग को लेकर कर्मचारियों ने हड़ताल का फैसला लिया।
बता दें कि सरकार ने बैंक ऑफ बड़ौदा, देना बैंक और विजया बैंक के मर्जर का फैसला लिया है। कर्मचारी संघ इसका विरोध कर रहे हैं। इंडियन बैंक्स एसोसिएशन ने 8% वेतन बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया है। बैंक कर्मचारी संघों को यह मंजूर नहीं। वेतन वृद्धि नवंबर 2017 से बकाया है। नेशनल ऑर्गनाइजेशन ऑफ बैंक वर्कर्स का कहना है कि बैंकों में पब्लिक का भी शेयर है। इसलिए, सरकार कोई फैसला अपने आप नहीं ले सकती। हमारी मांग है कि सभी पक्षों के बातचीत के बाद फैसला होना चाहिए। वेतन बढ़ोतरी के लिए जो तर्क इंडियन बैंक एसोसिएशन दे रहा है वह कर्मचारी संघों को मंजूर नहीं।
वहीं कर्मचारी संघों का कहना है कि बैंक लगातार ऑपरेटिव प्रॉफिट कमा कर दे रहे हैं। सरकार की नीतियों की वजह से ज्यादातर ऑपरेटिव प्रॉफिट का हिस्सा एनपीए की प्रोविजनिंग में चला जाता है। इस वजह से बैंक घाटे में आ जाते हैं। बैंक कर्मचारी इसके लिए जिम्मेदार नहीं। फिर उन्हें उचित वेतन वृद्धि से वंचित क्यों किया जा रहा है? कर्मचारियों की यूनियन की एक हफ्ते से भी कम समय में यह दूसरी हड़ताल है। ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कन्फेडरेशन (एआईबीओसी) से जुड़े कर्मचारी शुक्रवार को हड़ताल पर रहे। शनिवार, रविवार को सार्वजनिक अवकाश रहा। सोमवार को बैंक खुले, लेकिन मंगलवार को फिर क्रिसमस की छुट्टी रही। इस तरह पिछले 5 दिन में बैंकों में सिर्फ 1 दिन काम हुआ।