featured भारत खबर विशेष

लॉकडाउन-5 में ‘2 जून की रोटी’ के लिए सरकार ने 1 जून को खोले कारोबार के रास्ते

2 june ki roti 2 लॉकडाउन-5 में ‘2 जून की रोटी’ के लिए सरकार ने 1 जून को खोले कारोबार के रास्ते

देश में यू तो कोरोना वायरस का संकट दिन पर दिन ब़ढ़ता ही जा रहा है। इसी में अब तक 3 महीने गूजर चुके हैं और कोरोना के मरीजों में कोई कमी देखने को नहीं मिल रही है।

नई दिल्ली। देश में यू तो कोरोना वायरस का संकट दिन पर दिन ब़ढ़ता ही जा रहा है। इसी में अब तक 3 महीने गूजर चुके हैं और कोरोना के मरीजों में कोई कमी देखने को नहीं मिल रही है। बल्कि ये आंकड़ 2 लाख के करीब पहुंच गया है। केंद्र सरकार और राज्य सरकारें इससे लड़ने के लिए हर संभव कोशिश कर रही है। कोरोना की वजह से जीवन में जैसे ठहराओ आ गया है। सभी काम धंधे बंद पड़े हुए हैं। लेकिन अब सरकार ने इसका भी तोड़ निकलने की कोशिश की है। कोरोना और लॉकडाउन के बीच देश को खोलने का फैसला लिया है। इसलिए सरकार ने लॉकडाउन-5 को अनलॉक-1 का भा नाम दिया है।

बता दें कि सरकार ने भारत को ‘2 जून की रोटी’ कमाने के लिए 1 जून को खोला दिया था। 2 जून की रोटी का मतलब किसी महीने या तारीख ने नहीं बल्कि 2 वक्त की रोटी से है। आज 2 जून तारीख जरूर है लेकिन उसका 2 जून की रोटी से कोई लेना देना नहीं हैं। 2 जून की रोटी दरअसल एक बहुत ही मशहूर मुहावरा है जिसको हम लोगों को बचपन में किताबों में पढ़ाया जाता था जिसका शाब्दिक अर्थ ‘2 वक्त की रोटी’ है। जिसको कमाने के लिए इंसान दिन रात और पूरी जिंदगी मेहनत करता रहता है।

2 june ki roti.jpg 2 लॉकडाउन-5 में ‘2 जून की रोटी’ के लिए सरकार ने 1 जून को खोले कारोबार के रास्ते

कोरोना संकट के कमय में ये मुहावरा मजदूरों पर एक दम सही साबित होता है। क्योंकि आज के समय में सबसे ज्याद 2 जून की रोटी कमाने लिए अगर कोई परेशान है तो वो मजदूर है। जो पहले अपना घर परिवार छोड़कर शहर में 2 जून की रोटी मतलब दो वक्त की रोटा कमाने आया और फिर उसी 2 वक्त की रोटी के लिए उसे शहर से अपने गांव वापस जाना पड़ रहा है।

https://www.bharatkhabar.com/how-did-the-meteorite-that-destroyed-the-dinosaurs-give-life-to-the-earth/

क्योंकि मजदूरों को कहना है कि उनको शहरों में खाने के लिए 2 वक्त का खाना तक नसीब नहीं हो रहा हैष जिसके लिए उनको अपने गांव वपास जाना पड़ रहा है। क्येंकि कोरोना वायरस और लॉकडाउन के चलते सभी काम बंद पड़े हुए हैं। लेकिन अब लॉकाउन-5 के चलते सरकार ने काफई कारोबार को खोलने का फैसला लिया हैष ताकि लोग 2 जून की रोटी कमा सके और अपना गुजारा कर सके।

Related posts

न्यायालय के आदेश के बाद अतिक्रमण अभियान जारी, 100 निर्माण किए गये ध्वस्त

Trinath Mishra

तालिबान सरकार के राज में, पत्रकारों को होना पड़ रहा है बेरोजगार

Kalpana Chauhan

बिहार में बुधवार को फिर चार नए मामले सामने आए, कुल मिलाकर 72 पॉजिटिव मामले

Rahul srivastava