देश featured

आधार के जरिये सरकार रख रही खुफिया नजर: श्याम दीवान

aadhar card

नई दिल्ली। आधार को अनिवार्य करने के खिलाफ दायर याचिकाओं पर आज संविधान बेंच में सुनवाई हुई। याचिकाकर्ताओं की ओर से श्याम दीवान ने अपनी दलीलें रखीं। श्याम दीवान ने कहा कि नया आधार एक्ट हमारे ऊपर खुफिया नजर रखता है। इससे हमारा हर लोकेशन ट्रैक हो रहा है। अब इस मामले की सुनवाई 6 फरवरी को होगी। इस मामले की सुनवाई कर रही बेंच में चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस ए के सीकरी , जस्टिस ए एम खान, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस अशोक भूषण शामिल हैं।

aadhar card
aadhar card

बीते गुरूवार सुनवाई के दौरान जस्टिस चंद्रचूड़ और श्याम दीवान के बीच तीखी बहस हो गई जब जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि आप हमें आधार जज कह रहे हैं। बाद में श्याम दीवान ने इसके लिए माफी मांगी। सुनवाई के दौरान उन्होंने अपने मोबाइल फोन के आईपी एड्रैस का स्क्रीन शॉट जजों को दिखाया और कहा कि इसकी मैपिंग हो सकती है। इस पर जस्टिस एके सिकरी ने कहा कि हम इसकी संभावना से अवगत हैं। तब श्याम दीवान ने कहा कि अब ये स्थापित हो गया है कि हमारी जासूसी की जा सकती है| इसलिए इस कोर्ट को आधार एक्ट को निरस्त करना चाहिए। उन्होंने जोंस और जखारोव के फैसले का जिक्र किया। तब जस्टिस चंद्रचूड़ ने पूछा कि जब आईटी रिटर्न इलेक्ट्रॉनिक रुप से भरते हैं या उबेर का कैब लेते हैं तब भी हमारा लोकेशन ट्रैक होता है।

साथ ही श्याम दीवान ने कहा कि अगर हम असफल होते हैं तो 25 साल बाद ऐसा समय आएगा जब एक वकील केवल आधार वाले जजों को ही संबोधित करेगा जिनका पूरा प्रोफाइल सरकार के पास होगा। उन्होंने कहा कि हम केवल ये कहना चाहते हैं कि आधार एक्ट हमारी जासूसी की अनुमति देता है| स्वतंत्र समाज में इसकी अनुमति नहीं दी जा सकती है। जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि अगर एक उद्यमी सभी बिलों के पेमेंट के लिए एक एप बनाता है तो श्याम दीवान के कहने के मुताबिक वो एप भी उसी समस्या से ग्रसित होगा।

बता दें कि श्याम दीवान ने केशवानंद भारती के फैसले को पढ़ते हुए कहा कि सामाजिक और आर्थिक क्रांति तभी हो सकती है जब हमें नागरिक और राजनीतिक स्वतंत्रता मिले। उन्होंने निजता के फैसले का उल्लेख किया। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हालिया भाषण को उद्धृत करते हुए कहा कि राज्य और नागरिक के बीच विश्वास बहाली का आधार संवैधानिक शासन होगा। आधार को इस आधार पर तय किया गया है कि हमारा धूर्तों का राष्ट्र है। ये पूरे तरीके से विश्वास खत्म होने का संदेश है, क्योंकि ये माना जाएगा कि अगर आपके पास आधार नहीं है तो आप धूर्त हैं ।

वहीं श्याम दीवान ने कहा कि यूआईडीएआई ने सुप्रीम कोर्ट के कई आदेशों का उल्लंघन किया है जिसमें आधार को स्वैच्छिक कहा गया है। उन्होंने कहा कि कोई व्यक्ति अपने को ट्रैक और रजिस्टर्ड करवाए बिना भी अपना व्यक्तित्व विकास करने का हकदार है। श्याम दीवान ने सरकार के हलफमाने पर सवाल उठाया जिसमें कहा गया है कि मनरेगा में तीन हजार करोड़ रुपये की बचत हुई। श्याम दीवान ने कहा कि आंकड़ा बताता है कि केवल 197 करोड़ की बचत हुई। उन्होंने एक आरटीआई के जवाब को उद्धृत किया जिसमें मानव संसाधन विभाग ने कहा है कि बचत की गणना नहीं हो सकती है। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने उन्हें बीच में टोकते हुए कहा कि ये हम समझते हैं। चीफ जस्टिस ने कहा कि ये प्रोजेक्ट बाहर ज्यादा कर रही है, शामिल कम कर रही है।

Related posts

रूहानी ने अमेरिका को चेताया, अगर खत्म किया परमाणु समझौता तो पछताना पड़ेगा

lucknow bureua

जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज ने राष्ट्रपति भवन में PM मोदी से की मुलाकात

Rahul

बिहार को मिले ‘विशेष राज्य’ का दर्जा-पक्ष विपक्ष आया साथ

mohini kushwaha