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सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 में संशोधन करने के प्रस्ताव पर विचार कर रही है सरकार

सूचना का अधिकार कानून में सुधार के लिए प्रस्ताव

राज्यसभा में  सूचना का अधिकार ‘संशोधन’ विधेयक  2018  पेश करने के लिए एक प्रस्ताव-पत्र की नोटिस दी गई है। इसे विचार के लिए संसद के मौजूदा सत्र के दौरान पेश किया जाना है। प्रस्तावित संशोधनों का उद्देश्य सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत ऐसे प्रावधानों को सक्षम बनाना है।जिनके तहत मुख्य सूचना आयुक्तों, सूचना आयुक्तों और राज्य सूचना आयुक्तों के वेतनमान, भत्तों और सेवा शर्तों के संबंध में नियम बनाए जा सकें। इस समय सूचना का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत ऐसा कोई भी प्रावधान उपलब्ध नहीं है।

 

सूचना का अधिकार कानून में सुधार के लिए प्रस्ताव
सूचना का अधिकार कानून

 

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सूचना का अधिकार ‘संशोधन’ विधेयक, 2018’ को तैयार करने के लिए व्यय विभाग, विधिक मामलों के विभाग और विधायी कार्य विभाग के साथ परामर्श कर लिया गया है।यह सूचना आज पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास राज्य मंत्री ‘स्वतंत्र प्रभार’ प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री, लोक शिकायत एवं पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने लोकसभा में एक प्रश्न  के लिखित उत्तर में दी।

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लोकतंत्र में देश की जनता अपनी चुने हुए व्यक्ति को शासन करने का अवसर प्रदान करती है। और यह अपेक्षा करती है कि सरकार पूरी ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा के साथ अपने दायित्वों का पालन करेगी। लेकिन समय बीतने के साथ  कोई कसर नहीं छोड़ता और भ्रष्टाचार के बड़े-बड़े कीर्तिमान कायम करने को एक भी मौक अपने हाथ से नही छोड़ते। प्रत्येक नागरिक सरकार को किसी ने किसी माध्यम से टेक्स देती है। यहां तक एक सुई से बड़ी से बड़ी चीज पर प्रत्योक व्यकित टैक्स अदा करता है।

भीख मांगने वाला भिखारी भी किसी चीज के खरीदने पर  उत्पाद कर इत्यादि टैक्स अदा करता है

सड़क पर भीख मांगने वाला भिखारी भी किसी चीज के खरीदने पर  उत्पाद कर इत्यादि टैक्स अदा करता है।इस प्रकार देश का प्रत्येक नागरिक टैक्स अदा करता है और यही टैक्स देश के विकास और व्यवस्था की आधारशिला को निरन्तर स्थिर रखता है। इसलिए जनता को यह जानने का पूरा हक है कि उसके द्वारा दिया गया, पैसा कब, कहां,  किस प्रकार खर्च किया  है ..? ऐसे में  जरूरी है कि सूचना को जनता के समक्ष रखने एवं जनता को प्राप्त करने का अधिकार प्रदान किया जाए ऐसा एक निर्धारित कानून द्वारा ही संभव है।

राईट टू इन्फॉमेशन

बता दें कि सूचना का अधिकार ‘राईट टू इन्फॉमेशन’सूचना का अधिकार का तात्पर्य है।  सूचना पाने का अधिकार जो सूचना अधिकार कानून लागू करने वाला राष्ट्र अपने नागरिकों को प्रदान करता है। सूचना अधिकार के द्वारा राष्ट्र अपने नागरिकों को अपनी कार्य और शासन प्रणाली को सार्वजनिक करता है।

M 4 सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 में संशोधन करने के प्रस्ताव पर विचार कर रही है सरकार

      महेश कुमार यदुवंशी 

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