नई दिल्ली। नोटबंदी के मुद्दे पर संसद की शुरुआत से ही विपक्ष के तेवर काफी तीखे थे जिसकी भेट सदन की कार्यवाही चढ़ गई। इस मुद्दे को लेकर आज विपक्ष ने एकजुट होकर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात की और उन्हें एक ज्ञापन सौंपा। इस मुलाकात में कांग्रेस, एनसीपी, टीएमसी पार्टी के नेता शामिल थे जिनमें मुख्य रुप से कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे, टीएमसी नेता सुदीप बंदोपाध्याय थे।
इस मुलाकात के बाद मीडिया से बात करते हुए कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि हम लोगों ने संसद के गतिरोध पर राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा है। विपक्ष ने सदन को चलाने की कोशिश की लेकिन सरकार की वजह से सदन नहीं चल पाया। हम बिना शर्त के चर्चा चाहते थे लेकिन सरकार ने चर्चा ही नहीं होने दी। सरकार ने हर बात को नकारा और लोकतंत्र के सारे उसूलों को नहीं निभाया इसलिए पूरी जिम्मेदारी सरकार की है। नोटबंदी के फैसले से देश की जनता को नुकसान हुआ है। सदन में किसान और मजदूर की बात नहीं रख सकें लिहाजा सरकार सदन की कार्यवाही चलाने में पूरी तरह से विफल रही।
बता दें कि संसद के सदन की शुरुआत 16 नवंबर से हुई थी और तब से लेकर संदन के आखिरी दिन तक कार्यवाही पूरी तरह से बाधित रही। 15वीं लोकसभा की स्थिति देखने के बाद लोगों को ऐसा लगा था कि शायद हालात कुछ सुधरेंगे लेकिन 16वीं लोकसभा के हालात पहले से भी ज्यादा खराब हो गए। संसद के एक मिनट की कार्यवाही पर 2.5 लाख रुपए का खर्चा आता है यानि कि अगर सदन लगातार एक घंटे तक चलते तो ये खर्च 1 करोड़ रुपए होता है। अब आप अंदाजा लगा सकते है इस सत्र में जनता का कितना पैसा बर्बाद हुआ होगा।